पीएफ (Provident fund PF) के बारे में सभी जानते हैं. सभी को मालूम है कि सैलरी में कुछ हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है और जिस कंपनी में काम किया जा रहा है वह कंपनी भी उतना ही पैसा खाते में जमा करा रही है. लेकिन इससे ज्यादा खाते के बारे ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती. यदि कुछ और जानकारी होती है या रुचि होती है तो वह केवल ब्याज दर की खबरों पर.... इससे ज्यादा लोग अपने पीएफ के खाते के बारे में नहीं जानते. नौकरी करते समय लोग इतने में ही अपने ज्ञान को संपूर्ण समझते हैं.
आज हम बात करने जा रहे हैं EPS 95 (Employee Pension Scheme) की. यह क्या है. इसका पीएफ खाताधारकों (PF account holders) से क्या संबंध है. पीएफ खाताधारकों को क्या इसके बारे में पता है. क्या कंपनी पीएफ खाताधारकों को कभी इसके बारे में विस्तृत जानकारी देती है. क्या ईपीएफओ विभाग (EPFO) कभी इस बारे में अपने खाताधारक इसके बारे में बताता है. क्या खाताधारक खुद इसके बारे में ज्यादा जानने का प्रयास करता है. अधिकतर लोग इसके बारे में न में जवाब देंगे. जो लोग नौकरी कर रहे होते हैं उन्हें ईपीएस (EPS) शब्द केवल उस समय सुनने को मिला होता है जब एचआर विभाग कई फॉर्म पर साइन करवाता है इन्में से एक फॉर्म ईपीएस का होता है. एचआर साफ बता देता है, सरकारी फॉर्म है भरना है, साइन करना है, नियम के अनुसार पैसे इसमें जमा हो जाएंगे. आप अपना खाता चेक कर सकते हैं.
इसके बाद होता यह है कि अधिकतर साल में एक या दो बार अपने खाते में जाकर रकम देख लेते हैं. या फिर कंपनी द्वारा पैसे जमा कराए जाने के बाद ईपीएफओ विभाग से एक एसएमएस आ जाता है और पूरे काम की इतिश्री हो जाती है.
यह गलत है. अमूमन ज्यादातर ऐसा करने वाले लोग अपने साथ अन्याय कर रहे हैं. यह अन्याय वे अपने साथ ही नहीं अपने परिवार के साथ और अपने पैसों के साथ भी कर रहे होते हैं. आज जो लोग भी सामान्य कमाई कर सही संपत्ति अर्जित करने में कामयाब हुए हैं वे सभी अपने सारे रुपयों का पूरा हिसाब रखते हैं. इस लिए जरूरी है कि आप सभी इस प्रकार अपने रुपये का हिसाब रखें. आपका पैसा कहां कहां है और किस स्थिति में उसका लाभ आपको और आपके परिवार को कैसे मिलेगा. आपके रहते हुए और आपके न होने पर भी.
ईपीएस 95 स्कीम (EPS 95 Pension Scheme)
आज इस ईपीएस योजना के बारे में बात करते हैं. जो आपके पीएफ खाते के साथ ही जुड़ा हुआ खाता होता है. हर नौकरी करने वाले की सैलरी का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के खाते में जमा होता है. यानी आप ईपीएफओ खाताधारक हो गए हैं. इसके साथ ही ईपीएफओ (EPFO) खाताधारक हैं तो आपको कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ईपीएस 95 स्कीम (EPS 95 Pension Scheme) का आप हिस्सा बन जाते हैं.
ईपीएस 95 स्कीम (EPS 95 Pension Scheme) : ये स्कीम साल 1995 में लागू की गई थी और वे सभी कंपनियां इस स्कीम के अंतर्गत आती हैं जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दायरे में आती हैं. इस स्कीम में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी हर महीने पेंशन की सुविधा मिलती है. EPFO की ईपीएस स्कीम (EPS Scheme) के तहत 1 सितंबर 2014 के बाद से सभी पेंशनरों को कम से कम 1,000 रुपये की पेंशन की भी व्यवस्था ईपीएफओ के माध्यम से सरकार द्वारा की गई है. यह पेंशन 58 की उम्र यानि रिटायरमेंट के बाद मिलनी शुरू होती है.
ईपीएफओ खाताधारकों (EPFO) की सैलरी का एक हिस्सा हर महीने ईपीएफओ खाते में जमा होता है. सबसे जरूरी बात यह है कि ईपीएस स्कीम (EPS Scheme) का लाभ उठाने के लिए एक कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होती है. 58 की उम्र के बाद विभाग द्वारा पेंशन की राशि दी जाती है.
EPS 95 Scheme का एक फायदा यह है कि यदि किसी पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके परिवार को फैमिली पेंशन का लाभ मिलता है. अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के दौरान ही हो जाती है तो उसके परिवार को 6 लाख रुपये का अतिरिक्त लाभ भी मिलता है. वहीं ईपीएस '95 स्कीम (EPS 95 scheme) के तहत अगर पेंशन होल्डर का कोई परिवार नहीं है तो ईपीएस स्कीम के तहत नॉमिनी को जीवन भर पेंशन का लाभ मिलता है. वहीं अगर आपने 10 साल की नौकरी पूरी नहीं की है तो आप 58 साल के बाद पीएफ खाते से पूरे पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन आपको हर महीने पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा.
हाल ही में सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियमों में बदलाव किया है. अब खाताधारक रिटायरमेंट से 6 महीना पहले भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में जमा पूरी राशि निकाल सकते हैं.
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