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भारत में Cryptocurrency से होने वाली कमाई पर कितना भरना होगा Tax? निवेश करने से पहले जान लें ये बात

Crypto Taxes India:अगर आप क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करते हैं तो उससे होने वाले मुनाफे पर आपको 30% की दर से टैक्स चुकाना होगा. भारत सरकार इस सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए कड़े कदम उठा रही है.

भारत में Cryptocurrency से होने वाली कमाई पर कितना भरना होगा Tax? निवेश करने से पहले जान लें ये बात
Crypto Tax in India: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department -ITD) ने अभी तक क्रिप्टो कॉइन पर टैक्स के लिए कोई स्पेसिफिक गाइडलाइन जारी नहीं की हैं.
नई दिल्ली:

Crypto Tax in India: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का क्रेज इन दिनों लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह ये है कि यह निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दे रहा है. अगर आप क्रिप्टो में निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको कितना टैक्स भरना होगा. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2(47A) के तहत वर्चुअल डिजिटल एसेट के तौर पर क्लासिफाई किया गया है. लेकिन अभी तक भारत में केंद्र सरकार ने इसे लीगल टेंडर के तौर पर मान्यता नहीं दी है.

यही वजह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department -ITD) ने अभी तक क्रिप्टो कॉइन पर टैक्स के लिए कोई स्पेसिफिक गाइडलाइन जारी नहीं की हैं.

भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए टैक्सेशन नियम

हालांकि, आपको बता दें कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) का टैक्सेशन इनकम टैक्स एक्ट के प्रमुख प्रावधानों - सेक्शन 115BBH और सेक्शन 194S के जरिए नियंत्रित किया जाता है. इस प्रोविजन यानी प्रावधान के तहत वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) को बेचने से होने वाले प्रॉफिट पर 30%  का फ्लैट टैक्स और ट्रांजेक्शन पर 1% का TDS लगाया जाता है.

क्रिप्टो से होने वाले मुनाफे पर चुकाना होगा 30% टैक्स

यानी अगर आप क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करते हैं तो उससे होने वाले मुनाफे पर आपको 30% की दर से टैक्स चुकाना होगा. भारत सरकार इस सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए कड़े कदम उठा रही है. क्रिप्टो से होने वाले प्रॉफिट पर 30% फ्लैट टैक्स लगाने से, यह साफ है कि सरकार हर उस चीज पर सख्त रुख अपना रही है जिसे सट्टेबाजी और वोलेटाइल इन्वेस्टमेंट एवेन्यू के तौर पर  देखा जाता है.

क्रिप्टो-रिलेटेड प्रोडक्ट ऑफर करने वाली ज्यादातर संस्थाएं रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना काम करती हैं, जिससे वे रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए खास तौर पर रिस्की हो जाती हैं. इसलिए एक्सपर्ट का मानना कि इनमें निवेश करते समय निवेशकों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. निवेशकों को अपनी कमाई का उतना ही हिस्सा इनमें निवेश करना चाहिए जिसके डूब जाने पर उनकी आर्थिक स्थिति पर फर्क ना पड़े.


इससे जाहिर है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर सरकार द्वारा 30% फ्लैट टैक्स लगाना सिर्फ फाइनेंशियल इम्पोजिशन नहीं बल्कि एक पॉलिसी टूल है. जिसके जरिए उनका मकसद वोलेटाइल मार्केट में सट्टा निवेश पर अंकुश लगाना है. 

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