India | Reported by: अनुराग द्वारी |शुक्रवार अप्रैल 20, 2018 12:03 AM IST गौरतलब है कि 31 मई, 2017 को मध्यप्रदेश का आगर मालवा खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गया, हो भी क्यों ना शौचालय फाइलों में तो बन ही गए हैं.अब सुसनेर में कलाबाई के घर आधा अधूर शौचालय तो है ही, बगैर शीट और बगैर टैंक के मजबूरी में वो यहां लकड़ी के कंडे रखती हैं, परिवार खुले में ही शौच जाता है. यही हालत दिहाड़ी मजदूर रामूबाई की भी है.