एमपी शौचालय घोटाले की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आ रहा है. राज्य में इस अभियान के तहत बनाए गए शौचालय लापरवाही के कारण स्वच्छता को मुंह चिढ़ा रहे है. एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे राज्य के कई गावों में खुले में शौच के नाम पर लाखों का जुर्माना लगा दिया गया था. लेकिन राज्य में ऐसी कई जगह हैं जहां अभियान के तहत बनाए जा रहे शौचालय में उपले सूख रहे हैं, लकड़ियां रखी हैं. कहीं कहीं तो शौचालय बना दिया गया है लेकिन उसके ऊपर की छत ही नहीं है. राज्य में आलम यह है कि सरकार ने कई बार उन्हीं अफसरों पर कार्रवाई कर दी जिन्होंने इस पूरे शौचालय घोटाले की पोल खोली थी. गौरतलब है कि 31 मई, 2017 को मध्यप्रदेश का आगर मालवा खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गया, हो भी क्यों ना शौचालय फाइलों में तो बन ही गए हैं.अब सुसनेर में कलाबाई के घर आधा अधूर शौचालय तो है ही, बगैर शीट और बगैर टैंक के मजबूरी में वो यहां लकड़ी के कंडे रखती हैं, परिवार खुले में ही शौच जाता है. यही हालत दिहाड़ी मजदूर रामूबाई की भी है.
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गोवर्धन माली के यहां शौचालय बना, बस छत नहीं डली. भ्रष्टाचार ऐसा कि एक ही शौचालय का फोटो 3 अलग-अलग वार्डों में हितग्राहियों के नाम बदल खिंचवाया गया, पैसे निकाल लिये गए. सुसनेर में कुल 617 शौचालयों के लिए 13 हजार 500 रूपए प्रति शौचालय की दर से ठेकेदार को भुगतान किया गया है। यानी कुल 83,29,500 सरकार कहती है दोषियों को नहीं बख्शेंगे. पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमने शौचालय बनाने, उनके भौतिक सत्यापन में आईटी की भी मदद ली. हर जगह शौचालय बनने के बाद उसकी तस्वीर अपलोड करवाकर सत्यापन करवाया, लेकिन फिर भी जांच करेेंगे जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वहीं कांग्रेस कह रही है सरकार की सोच में भ्रष्टाचार है, शौचालय घोटाला तकरीबन 15000 करोड़ का है.
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा 15000 करोड़ रू का घोटाला है, अफसर घोटाला कर रहे हैं, जो सरकार शौच तक में घोटाला कर सकती है उसके बारे में और क्या कहें. मध्यप्रदेश में 51929 गांव हैं, 2017-18 में अबतक 22.34 लाख शौचालय सरकारी फाइलों में बने हैं सरकार ने दावा कर दिया है कि राज्य में 23,597 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. सरकार ने विधानसभा में ऐलान किया था कि 2 अक्तूबर तक वो पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर देंगे, अबतक आधे से ज्यादा गांवों में शौचालय बनना बाकी है.
VIDEO: मध्यप्रदेश में शौचालय के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया.
हां अगर निर्माण सुसनेर जैसा रहा तो सरकार शायद इस लक्ष्य के दोगुने शौचालय बना ले, लेकिन उसका इस्तेमाल फाइलों में ही हो पाएगा.
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गोवर्धन माली के यहां शौचालय बना, बस छत नहीं डली. भ्रष्टाचार ऐसा कि एक ही शौचालय का फोटो 3 अलग-अलग वार्डों में हितग्राहियों के नाम बदल खिंचवाया गया, पैसे निकाल लिये गए. सुसनेर में कुल 617 शौचालयों के लिए 13 हजार 500 रूपए प्रति शौचालय की दर से ठेकेदार को भुगतान किया गया है। यानी कुल 83,29,500 सरकार कहती है दोषियों को नहीं बख्शेंगे. पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमने शौचालय बनाने, उनके भौतिक सत्यापन में आईटी की भी मदद ली. हर जगह शौचालय बनने के बाद उसकी तस्वीर अपलोड करवाकर सत्यापन करवाया, लेकिन फिर भी जांच करेेंगे जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वहीं कांग्रेस कह रही है सरकार की सोच में भ्रष्टाचार है, शौचालय घोटाला तकरीबन 15000 करोड़ का है.
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा 15000 करोड़ रू का घोटाला है, अफसर घोटाला कर रहे हैं, जो सरकार शौच तक में घोटाला कर सकती है उसके बारे में और क्या कहें. मध्यप्रदेश में 51929 गांव हैं, 2017-18 में अबतक 22.34 लाख शौचालय सरकारी फाइलों में बने हैं सरकार ने दावा कर दिया है कि राज्य में 23,597 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. सरकार ने विधानसभा में ऐलान किया था कि 2 अक्तूबर तक वो पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर देंगे, अबतक आधे से ज्यादा गांवों में शौचालय बनना बाकी है.
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हां अगर निर्माण सुसनेर जैसा रहा तो सरकार शायद इस लक्ष्य के दोगुने शौचालय बना ले, लेकिन उसका इस्तेमाल फाइलों में ही हो पाएगा.
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