
ODF घोषित होने के बाद भी खुले में शौच करते हैं ग्रामीण
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एमपी में खुले में शौच से मुक्ति का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा
45 पंचायतों के सरपंचों को हटाने का नोटिस
ODF घोषित होने के बाद भी खुले में शौच करते हैं ग्रामीण
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देश को 2019 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये ताबतोड़ लक्ष्य दिये जा रहे हैं स्थानीय स्तर के अधिकारियों पर इसे हासिल करने का जबर्दस्त दबाव है. गुना जिले के 1100 गांवों में अभी तक 155 गांव ही ओडीएएफ घोषित हुए थे, लेकिन उसमें भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ गया. ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के साथ भोपाल से भी एनजीओ की टीम गुना आई थी. उन्होंने भी गांवों में पहुंचकर रिपोर्ट दी थी.
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लेकिन जिला पंचायत को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि जिन गांवों को ओडीएफ घोषित किया है, वहां ग्रामीण शौचालयों की बजाए खुले में ही शौच के लिए जाते हैं. रिपोर्ट सामने आने के बाद एडीएम नियाज़ खान ने 45 पंचायतों के सरपंचों को पद से हटाने के लिये धारा-40 के नोटिस दिए हैं. 45 पंचायत सचिवों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. 45 रोजगार सहायकों की संविदा सेवाएं समाप्त करने नोटिस दिए हैं.
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