सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए सरकार ने तीन केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से 'स्वच्छ युग' अभियान शुरू किया है।
गंगा नदी के किनारे पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 52 जिलों की 1,651 पंचायतों में कुल 5,169 गांव हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, युवा मामलों के मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय सहयोगात्मक तरीके से इस अभियान पर काम कर रहे हैं।
कई युवा एजेंसियां मिलकर करेंगी काम
इस अभियान के तहत नेहरू युवा केन्द्र संगठन के समन्वय के तहत युवा मामलों का मंत्रालय, भारत स्काउट और गाइड, नेहरू युवा केन्द्र और राष्ट्रीय सेवा योजना जैसी युवा एजेंसियों की सहायता को सूचीबद्ध कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि 'स्वच्छ भारत अभियान' के अंतर्गत 52 जिलों में व्यवहारगत परिवर्तन अभियान में सहायता के लिए बडी संख्या में स्थानीय युवा स्वयंसेवक मुहैया करने का इन संगठनों से आहवान किया जाएगा।
मिशन मोड पर होगा काम
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए, प्रत्येक जिले में मिशन मोड में खुले में शौच से मुक्त बनाने के कार्य के लिए एक क्षेत्रीय अधिकारी का चयन किया गया है। इसके साथ-साथ ठोस और तरल अपशिष्ट के उचित प्रबंधन से गांवों में स्वच्छता पर खास ध्यान दिया गया है।
'स्वच्छ भारत अभियान' के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पेश किए गए मौद्रिक प्रोत्साहनों के अतिरिक्त पांच राज्यों में कक्षाओं के एक नेटवर्क के माध्यम से व्यवहारगत परिवर्तन संप्रेषण पर स्थानीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सात जून से बिहार के 12 जिलों में होगी शुरुआत
इसके लिए पहली कक्षा की शुरुआत मंगलवार सात जून को बिहार के 12 जिलों में की जाएगी। प्रत्येक स्थल पर प्रशिक्षण से संपर्क के साथ 50 युवा स्वयंसेवकों के लिए पांच दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इन प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने जिलों और राज्यों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। राज्य के दलों ने भी इस पहल में पूरे उत्साह के साथ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गंगा नदी के किनारे पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 52 जिलों की 1,651 पंचायतों में कुल 5,169 गांव हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, युवा मामलों के मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय सहयोगात्मक तरीके से इस अभियान पर काम कर रहे हैं।
कई युवा एजेंसियां मिलकर करेंगी काम
इस अभियान के तहत नेहरू युवा केन्द्र संगठन के समन्वय के तहत युवा मामलों का मंत्रालय, भारत स्काउट और गाइड, नेहरू युवा केन्द्र और राष्ट्रीय सेवा योजना जैसी युवा एजेंसियों की सहायता को सूचीबद्ध कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि 'स्वच्छ भारत अभियान' के अंतर्गत 52 जिलों में व्यवहारगत परिवर्तन अभियान में सहायता के लिए बडी संख्या में स्थानीय युवा स्वयंसेवक मुहैया करने का इन संगठनों से आहवान किया जाएगा।
मिशन मोड पर होगा काम
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए, प्रत्येक जिले में मिशन मोड में खुले में शौच से मुक्त बनाने के कार्य के लिए एक क्षेत्रीय अधिकारी का चयन किया गया है। इसके साथ-साथ ठोस और तरल अपशिष्ट के उचित प्रबंधन से गांवों में स्वच्छता पर खास ध्यान दिया गया है।
'स्वच्छ भारत अभियान' के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पेश किए गए मौद्रिक प्रोत्साहनों के अतिरिक्त पांच राज्यों में कक्षाओं के एक नेटवर्क के माध्यम से व्यवहारगत परिवर्तन संप्रेषण पर स्थानीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सात जून से बिहार के 12 जिलों में होगी शुरुआत
इसके लिए पहली कक्षा की शुरुआत मंगलवार सात जून को बिहार के 12 जिलों में की जाएगी। प्रत्येक स्थल पर प्रशिक्षण से संपर्क के साथ 50 युवा स्वयंसेवकों के लिए पांच दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इन प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने जिलों और राज्यों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। राज्य के दलों ने भी इस पहल में पूरे उत्साह के साथ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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