आप चाहे कितने भी ज़हीन क्यों न हों, हर बड़े इम्तहान से पहले अगर आपका सबकुछ दांव पर लगा हो तो आप नर्वस भी होते हैं और आपका दिल ज़रूर धड़कता है।
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आप चाहे कितने भी ज़हीन क्यों न हों, हर बड़े इम्तहान से पहले अगर आपका सबकुछ दांव पर लगा हो तो आप नर्वस भी होते हैं और आपका दिल ज़रूर धड़कता है।
खिलाड़ियों के लिए ओलिंपिक से बड़ा कई इम्तहान नहीं होता। एक मौका चूके और आप ज़िन्दगीभर खुद को और दुनिया को साबित करने का मलाल लेकर जीते हैं।
इसलिए भारत की इस वक्त इकलौती वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी दीपिका से पूछा जाता है कि वर्ल्ड नंबर वन बनना उनके लिए कितनी बड़ी बात है तो रांची की 18 साल की यह तीरंदाज़ बड़ी ईमानदारी से कहती हैं... 'ओलिंपिक में खेलना मेरा सपना है, मेरी ज़िन्दगी है। मैं ओलिंपिक में पदक जीत पाती हूं तभी समझूंगी वर्ल्ड नंबर वन हूं।'
ओलिंपिक शुरू होने में तीन हफ़्ते पहले खिलाड़ियों की विदाई का सिलसिला शुरू हुआ है तो कॉरपोरेट हाउसेज़ ने ओलिंपिक पदक विजेताओं के लिए इनाम की रक़म का ऐलान करना शुरू कर दिया है। सैमसंग कंपनी ने ऐलान किया है कि इस बार ओलिंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 20 लाख 15 लाख और 10 लाख रु. की रक़म भेंट की जाएगी। वैसे ये अभी शुरुआत भर है।
इस बार कंपनियां और राज्य सरकारें सावधान हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि भारतीय खिलाड़ी कई पदक जीत सकते हैं। ख़ासकर बीजिंग में तीन खिलाड़ियों की ऐतिहासिक कामयाबी से भारतीय फ़ैन्स की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं।
तीन पदकों ने खेलप्रेमियों का नज़रिया तो बदला ही है खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी बढ़ा दिया है। इसलिए पहली बार लंदन जा रहे खिलाड़ी भी डर से ज़्यादा जीत के जज़्बे से भरे हुए हैं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढी का ओलिंपिक में यह पहला मौका है। वह कहते हैं पहली बार ओलिंपिक में जा रहा हूं यह बात दिमाग में तो रहती है लेकिन मैंने इसके लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार किया है।
ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू और गगन नारंग थोड़ी ज़्यादा सावधानी बरत रहे हैं। अभिनव बिन्द्रा के अलावा मानवजीत सिंह संधू इकलौते ऐसे भारतीय शूटर हैं जिन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने का गौरव हासिल है तो गगन नारंग को कॉमनवेल्थ खेलों में सबने 10 मीटर एयर राइफ़ल में में 600 में 600 स्कोर कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते देखा है लेकिन कोई छोटी से बात ओलिंपिक में इनके पोडियम के रास्ते का रोड़ा बनी हुई है।
गगन दबाव को सिर पर नहीं आने देना चाहते तो मानव कहते हैं कि वह इस बार सही वक्त पर सही फ़ॉर्म में लौट रहे हैं लेकिन वह यह भी कहते हैं उस दिन परफ़ॉर्म करना होगा। इन दोनों शूटर्स को तीन−तीन ओलिंपिक खेलों में खेलने का अनुभव हासिल है।
मानव और गगन जैसे कई खिलाड़ियों ने अपनी ग़लतियों दूर करने के लिए घर−बार छोड़कर जी−जान से मेहनत की है।
मानव कहते हैं इस बार ना सिर्फ़ शूीटग की बल्कि शायद अब तक की सबसे अच्छी टीम लंदन जा रही है। इस बार रिकॉर्ड 83 भारतीय खिलाड़ी ओलिंपिक जा रहे हैं। कई जानकार मानते हैं कि भारत पांच या ज़्यादा पदक जीत कर बीजिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकता है।
खिलाड़ियों के लिए ओलिंपिक से बड़ा कई इम्तहान नहीं होता। एक मौका चूके और आप ज़िन्दगीभर खुद को और दुनिया को साबित करने का मलाल लेकर जीते हैं।
इसलिए भारत की इस वक्त इकलौती वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी दीपिका से पूछा जाता है कि वर्ल्ड नंबर वन बनना उनके लिए कितनी बड़ी बात है तो रांची की 18 साल की यह तीरंदाज़ बड़ी ईमानदारी से कहती हैं... 'ओलिंपिक में खेलना मेरा सपना है, मेरी ज़िन्दगी है। मैं ओलिंपिक में पदक जीत पाती हूं तभी समझूंगी वर्ल्ड नंबर वन हूं।'
ओलिंपिक शुरू होने में तीन हफ़्ते पहले खिलाड़ियों की विदाई का सिलसिला शुरू हुआ है तो कॉरपोरेट हाउसेज़ ने ओलिंपिक पदक विजेताओं के लिए इनाम की रक़म का ऐलान करना शुरू कर दिया है। सैमसंग कंपनी ने ऐलान किया है कि इस बार ओलिंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 20 लाख 15 लाख और 10 लाख रु. की रक़म भेंट की जाएगी। वैसे ये अभी शुरुआत भर है।
इस बार कंपनियां और राज्य सरकारें सावधान हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि भारतीय खिलाड़ी कई पदक जीत सकते हैं। ख़ासकर बीजिंग में तीन खिलाड़ियों की ऐतिहासिक कामयाबी से भारतीय फ़ैन्स की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं।
तीन पदकों ने खेलप्रेमियों का नज़रिया तो बदला ही है खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी बढ़ा दिया है। इसलिए पहली बार लंदन जा रहे खिलाड़ी भी डर से ज़्यादा जीत के जज़्बे से भरे हुए हैं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढी का ओलिंपिक में यह पहला मौका है। वह कहते हैं पहली बार ओलिंपिक में जा रहा हूं यह बात दिमाग में तो रहती है लेकिन मैंने इसके लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार किया है।
ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू और गगन नारंग थोड़ी ज़्यादा सावधानी बरत रहे हैं। अभिनव बिन्द्रा के अलावा मानवजीत सिंह संधू इकलौते ऐसे भारतीय शूटर हैं जिन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने का गौरव हासिल है तो गगन नारंग को कॉमनवेल्थ खेलों में सबने 10 मीटर एयर राइफ़ल में में 600 में 600 स्कोर कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते देखा है लेकिन कोई छोटी से बात ओलिंपिक में इनके पोडियम के रास्ते का रोड़ा बनी हुई है।
गगन दबाव को सिर पर नहीं आने देना चाहते तो मानव कहते हैं कि वह इस बार सही वक्त पर सही फ़ॉर्म में लौट रहे हैं लेकिन वह यह भी कहते हैं उस दिन परफ़ॉर्म करना होगा। इन दोनों शूटर्स को तीन−तीन ओलिंपिक खेलों में खेलने का अनुभव हासिल है।
मानव और गगन जैसे कई खिलाड़ियों ने अपनी ग़लतियों दूर करने के लिए घर−बार छोड़कर जी−जान से मेहनत की है।
मानव कहते हैं इस बार ना सिर्फ़ शूीटग की बल्कि शायद अब तक की सबसे अच्छी टीम लंदन जा रही है। इस बार रिकॉर्ड 83 भारतीय खिलाड़ी ओलिंपिक जा रहे हैं। कई जानकार मानते हैं कि भारत पांच या ज़्यादा पदक जीत कर बीजिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकता है।
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