- वैभव सूर्यवंनी ने IPL में 14 साल की उम्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे तेज़ भारतीय शतक बनाया था
- उन्होंने 35 गेंदों में शतक लगाया और 11 छक्के लगाकर IPL में मुरली विजय के रिकॉर्ड की बराबरी की
- वैभव ने बहुत कम उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और भारत के दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने
19 अप्रैल, 1975 को भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया और भारतीय विज्ञान की दुनिया भर में एक अलग पहचान बन गई. 19 अप्रैल 1971 को ही दुनिया की सबसे दबंग वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ भारत ने (अजीत वाडेकर की कप्तानी में सुनील गावस्कर की रिकॉर्ड 774 रनों के साथ) टेस्ट सीरीज़ में पहली जीत हासिल की. 19 अप्रैल दिन ही बेहद ख़ास है- भारतीय विज्ञान के लिए भी इतिहास के लिए भी और क्रिकेट के लिए भी. तकरीबन 8 महीने पहले इसी साल 19 अप्रैल को जयपुर के मैदान पर एक ऐसा सितारा चमका जिसका जन्म भी 2008 में शुरू हुए पहले IPL के तकरीबन साढ़े तीन साल बाद ही हुआ. लखनऊ टीम के ख़िलाफ IPL के उस मैच में जयपुर में राजस्थान के यशस्वी जायसवाल और वैभव सूर्यवंशी की जोड़ी बाउंड्री रोप से पिच तक पहुंची, तो फ़ैन्स 14 साल 23 दिनों के वैभव सूर्यवंशी को कौतूहल से देखते रहे.
पहली ही गेंद पर छक्का
टीम इंडिया के लिए 13 टेस्ट, 40 से ज़्यादा वनडे और करीब दर्जन भर अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेल चुके लखनऊ के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर के पहले ओवर की चौथी ही गेंद को बिहार के वैभव ने एक्स्ट्रा कवर पर छक्का लगाकर सबको दंग कर दिया. वैभव सूर्यवंशी के इस एक छक्के ने उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट एक्सपर्ट्स की नज़रों में ला दिया. बांये हाथ के रॉकेट बैटर वैभव ने उस पारी में 2 चौके और 3 छक्के लगाकर 20 गेंदों पर 34 रन बनाए. लेकिन आउट हुए तो बच्चों की तरह आंसू पोछते हुए मैदान से बाहर आए. क्रिकेट के दिग्गजों ने ऐलान कर दिया कि भारतीय क्रिकेट को एक नया सितारा मिल गया है.

35 गेंद पर शतक का रिकॉर्ड
वैभव ने IPL में जो धमाकेदार शुरुआत की, वो तुक्का तो बिल्कुल नहीं साबित हुआ. उनकी टीम के साथी और सीनियर्स बताया कि वैभव ने मैदान पर उतरने से पहले ही एक ख़्वाब देखा और अपने करियर की पहली गेंद पर छक्का लगाकर उसे पूरा भी कर दिया. कोच राहुल द्रविड़ और बेन स्टोक्स जैसे उस्तादों से सीखकर वैभव ने अपने हौसलों को उड़ान देने की ठान रखी थी. अगले 10 दिनों के अंदर ही IPL में गुजरात के कप्तान शुभमन गिल की टीम के ख़िलाफ़ वैभव ने सिर्फ़ 35 गेंदों पर IPL के इतिहास का सबसे तेज़ भारतीय शतक जड़ दिया. वैभव के शतक ने IPL में दुनिया के सबसे तेज़ 30 गेंदों पर यूनिवर्स बॉस क्रिस गेल के शतक की याद भी ताज़ा कर दी.
पारी में सबसे ज़्यादा 11 छक्के
वैभव ने गुजरात जायंट्स के ख़िलाफ़ शतकीय पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाए और मुरली विजय के 11 छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. 14 साल के वैभव ने IPL 2025 की अपनी आख़िरी पारी भी बड़े ही स्टाइल से ख़त्म की- 33 गेंदों पर 57 रन बनाए और चेन्नई के ख़िलाफ़ राजस्थान ने शानदार जीत दर्ज की. ब्रॉडकास्टर “Gen Bold vs Gen Gold” कैंपेन चलाते रहे और वैभव उसका पोस्टर बॉय बन गए.

विवाद से निकल गए आगे
बिहार के समस्तीपुर में ताजपुर के वैभव ने सचिन तेंदुलकर की तरह बेहद कम 4 साल की उम्र से ही बल्ले को अपना साथी बना लिया. रणजी खेलने से पहले भी वो अपनी उम्र को लेकर सुर्ख़ियां बनाते रहे. लिस्ट-A और IPL में सबसे युवा बैटर के तौर पर डेब्यु करने का रिकॉर्ड बना चुके वैभव 12 साल 284 दिनों की उम्र के साथ मुंबई के ख़िलाफ़ रणजी खेलने उतरे और युवराज सिंह से कम उम्र में रणजी खेलने के मामले में आगे निकल गए. वैभव भारत के दूसरे सबसे युवा रणजी खेलने वाले खिलाड़ी बन गए. वैभव पर उम्र चोरी का भी आरोप लगा. लेकिन उनकी काबिलियत और लाजवाब पारियों ने उन्हें इस दौर से आगे निकाल दिया. उनके कोच और पिता का कहना है कि BCCI बोन टेस्ट के ज़रिये वैभव की उम्र की जांच करता रहा है.
गूगल सर्च में टॉप पर वैभव
गूगल सर्च 2025 की जो ताज़ा लिस्ट सामने आई है उसमें वैभव सूर्यवंशी भारत में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. जबकि, पाकिस्तान में अभिषेक शर्मा पाकिस्तानी खिलाड़ियों से भी ज्यादा सर्च किए गए हैं. सिर्फ़ एक महीने गूगल सर्च की बात करें विराट कोहली शतकों के सहारे पूरी दुनिया में छाये रहे हैं. पिछले एक महीने में विराट 6.2 मिलियन लोगों ने सर्च किया जबकि वैभव सूर्यवंशी को 1.2 मिलियन लोगों ने और इसी वजह से वैभव ट्रेंड में टॉप करते रहे. सोशल मीडिया पर लोकप्रियता के मामले में वैभव की तुलना भी विराट से होने लगे तो ये हैरान कर देनेवाला आंकड़ा है.

गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च (2025)
- वैभव सूर्यवंशी
- प्रियांश आर्य
- अभिषेक शर्मा
- शाइक रशीद
- जेमिमा रोड्रिगेज
- आयुष म्हात्रे
- स्मृति मंधाना
- करुण नायर
- उर्विल पटेल
- विग्नेश पुथुर

बिहार का वैभव बने सूर्यवंशी
बिहार में क्रिकेट खेलने की सुविधा या केलों के रोल मॉडल की कमी बनी रही है. क्रिकेट के लिए बिहार में समस्तीपुर से पटना तक सफ़र, पैसे और उम्दा गाइडेंस की कमी के बावजूद पिता के साथ आकर अपने हुनर को मांजना और अपनी पहचान बनाने का सफ़र वैभव के लिए आसान नहीं रहा है. वैभव अब वाइट गेंद क्रिकेट के रॉकेट माने जा रहे हैं. क्रिकेट की दुनिया में उनकी पहचान बन चुकी है. इस खिलाड़ी का चढ़ता ग्राफ़ बिहार क्रिकेट को भी ऊंचाइयों पर ले जाता दिखता है. सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ से लेकर विराट कोहली जैसे दिग्गज भी वैभव के चढ़ते सितारे को चमकता देख रहे हैं.
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