सहारा इंडिया ने हॉकी इंडिया के साथ दोबारा से नाता जोड़ लिया है। सहारा भारतीय हॉकी टीम का स्पॉन्सर था और उनके साथ उनका करार 14 जनवरी को खत्म हुआ था।
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नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट से नाता तोड़ने के तीन दिन बाद सहारा समूह ने भारतीय हॉकी के साथ नया प्रायोजन करार कर लिया है जिसके तहत अगले पांच साल तक यह कॉरपोरेट समूह राष्ट्रीय हॉकी टीमों का प्रायोजक रहेगा। करार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह करार 2017 तक के लिए किया गया है जिसके तहत भारत की जूनियर और सीनियर टीमों का प्रायोजन शामिल होगा।
उन्होंने वित्तीय ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ आंकड़ों का खुलासा फिलहाल नहीं किया जा सकता लेकिन यह पिछले रकम करार से दोगुने से अधिक होगी। करार पांच साल के लिए किया गया है और इसमें भारत की सीनियर पुरुष, महिला और जूनियर टीमें आएंगी।’’ इसकी औपचारिक घोषणा अगले कुछ दिन में कर दी जाएगी। सहारा और भारतीय हॉकी का करार 2011 में ही खत्म हो गया था जिसके बाद छह महीने की अतिरिक्त अवधि भी 14 जनवरी को खत्म हो गई थी। तभी से लगातार अटकलों का बाजार गर्म था।
सहारा समूह 2003 में कैस्ट्रोल के पीछे हटने के बाद भारतीय हॉकी के साथ जुड़ा था। कैस्ट्रोल 2001 से भारतीय हॉकी का प्रायोजक था जिसने लागत में कटौती के लिए नाता तोड़ा। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने जुलाई 2003 में तत्कालीन भारतीय हॉकी महासंघ के प्रमुख केपीएस गिल के साथ आठ साल का करार किया था। सहारा समूह ने तीन दिन पहले ही भारतीय क्रिकेट और आईपीएल से नाता तोड़ते हुए पुणे वारियर्स फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक भी छोड़ दिया था। सहारा समूह ने यह रकम दूसरे खेलों और गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च करने का ऐलान किया था। ओलिंपिक क्वालीफायर की तैयारी में जुटी भारतीय हॉकी को इस घटनाक्रम से संबल मिलेगा और क्वालीफाई करने पर वित्तीय संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। भारतीय पुरुष और महिला टीमों को 18 से 26 फरवरी तक यहां ओलिंपिक क्वालीफायर खेलने हैं।
उन्होंने वित्तीय ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ आंकड़ों का खुलासा फिलहाल नहीं किया जा सकता लेकिन यह पिछले रकम करार से दोगुने से अधिक होगी। करार पांच साल के लिए किया गया है और इसमें भारत की सीनियर पुरुष, महिला और जूनियर टीमें आएंगी।’’ इसकी औपचारिक घोषणा अगले कुछ दिन में कर दी जाएगी। सहारा और भारतीय हॉकी का करार 2011 में ही खत्म हो गया था जिसके बाद छह महीने की अतिरिक्त अवधि भी 14 जनवरी को खत्म हो गई थी। तभी से लगातार अटकलों का बाजार गर्म था।
सहारा समूह 2003 में कैस्ट्रोल के पीछे हटने के बाद भारतीय हॉकी के साथ जुड़ा था। कैस्ट्रोल 2001 से भारतीय हॉकी का प्रायोजक था जिसने लागत में कटौती के लिए नाता तोड़ा। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने जुलाई 2003 में तत्कालीन भारतीय हॉकी महासंघ के प्रमुख केपीएस गिल के साथ आठ साल का करार किया था। सहारा समूह ने तीन दिन पहले ही भारतीय क्रिकेट और आईपीएल से नाता तोड़ते हुए पुणे वारियर्स फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक भी छोड़ दिया था। सहारा समूह ने यह रकम दूसरे खेलों और गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च करने का ऐलान किया था। ओलिंपिक क्वालीफायर की तैयारी में जुटी भारतीय हॉकी को इस घटनाक्रम से संबल मिलेगा और क्वालीफाई करने पर वित्तीय संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। भारतीय पुरुष और महिला टीमों को 18 से 26 फरवरी तक यहां ओलिंपिक क्वालीफायर खेलने हैं।
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