
- कोलकाता की प्रवर्तन निदेशालय ने सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है.
- सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को 5,000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस करने की इजाजत दे दी है.
- इससे पहले 5,000 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाए जा चुके हैं. अब और रकम लौटानी होगी.
कोलकाता की प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस (Sahara Group Money Lundering Case) में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने 6 सितंबर 2025 को अदालत में चार्जशीट दायर की थी. यह कार्रवाई सहारा ग्रुप से जुड़े दो लोगों जीतेन्द्र प्रसाद वर्मा और अनिल अब्राहम की गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर की गई है. जांच में सामने आया कि सहारा ग्रुप ने जनता से जमा किए पैसों से प्रॉपर्टी खरीदी और बाद में उन्हें गुपचुप तरीके से नकद सौदों में बेच दिया, इसमें ये दोनों आरोपी अहम भूमिका निभा रहे थे.
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निवेशकों को 5,000 करोड़ लौटाने होंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा ने अब तक करीब 16,138 करोड़ रुपये सहारा-सेबी अकाउंट में जमा किए हैं. इसमें से पहले 5,000 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाए जा चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने और 5,000 करोड़ रुपये वापस करने की इजाजत दे दी है.
ईडी ने सहारा की कई बेनामी जमीनें अटैच कीं
जुलाई 2023 से अब तक 27 लाख से ज्यादा निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं. इसके अलावा 14,000 करोड़ से ज्यादा के दावों की जांच हो चुकी है. ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि सहारा ग्रुप असल में पोन्ज़ी स्कीम चला रहा था. जमा रकम का सही इस्तेमाल नहीं हुआ और पैसों को बेनामी संपत्तियों और निजी इस्तेमाल में लगाया गया. फिलहाल ईडी ने सहारा की कई बेनामी जमीनें अटैच कर दी हैं और आगे भी बड़े अफसरों व विदेशों में हुए लेन-देन की जांच जारी है.
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