सिंधु रियो ओलिंपिक-2016 के फाइनल में स्पेन के कैरोलिन मॉरिन से हार गई थीं (फाइल फोटो)
- सिंधु ने वर्ष 2016 को अपने लिए शानदार बताया
- कहा-ओलिंपिक में मेडल जीतना सपने के साकार होने जैसा
- सुपर सीरीज खिताब जीतने का सपना चाइना ओपन में पूरा हुआ
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मुंबई:
रियो ओलिंपिक खेलों की सिल्वर मेडलिस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने व्यक्तिगत रूप से इस वर्ष (2016) को शानदार करार दिया था. सिंधु ने कहा कि अब उसका लक्ष्य विश्व रैंकिंग में नंबर एक स्थान हासिल करना है.
सिंधु इस समय अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ छठी रैंकिंग पर है. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘यह मेरे लिए शानदार वर्ष रहा है क्योंकि मैंने ओलिंपिक में एक पदक जीता जो बड़ी उपलब्धि है. यह सपने का साकार होना है. साथ ही हमेशा मेरे दिमाग में था कि मैं एक सुपर सीरीज खिताब जीतूंगी और यह सपना भी चाइना ओपन में पूरा हो गया.’ उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से अब लक्ष्य नंबर एक खिलाड़ी बनना है. मैंने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ छठी रैंकिंग हासिल कर ली है इसलिए मैं बहुत खुश हूं. मेरी इच्छा इसे जारी रखने की है और मैं इसे और सुधारना जारी रखूंगी.’ सिंधु के नाम 2013 और 2014 में विश्व चैम्पियनशिप एकल के दो ब्रॉन्ज मेडल भी हैं. वह साल के अंत में होने वाली दुबई सुपर सीरीज फाइनल्स के सेमीफाइनल में हार गई थीं.
रियो ओलिंपिक खेलों में सिल्वर मेडल के बारे में उन्होंने कहा, ‘अभ्यास सत्र में मेरी कड़ी मेहनत का फल मिला. ओलिंपिक से पहले और बाद में चीजें अलग थीं. रियो में पदक ने मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी की और मुझे प्रेरित रखा. इसी तरह से मैं आगे बढ़ती हूं और मैं सचमुच अच्छा प्रदर्शन कर रही हूं.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिंधु इस समय अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ छठी रैंकिंग पर है. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘यह मेरे लिए शानदार वर्ष रहा है क्योंकि मैंने ओलिंपिक में एक पदक जीता जो बड़ी उपलब्धि है. यह सपने का साकार होना है. साथ ही हमेशा मेरे दिमाग में था कि मैं एक सुपर सीरीज खिताब जीतूंगी और यह सपना भी चाइना ओपन में पूरा हो गया.’ उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से अब लक्ष्य नंबर एक खिलाड़ी बनना है. मैंने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ छठी रैंकिंग हासिल कर ली है इसलिए मैं बहुत खुश हूं. मेरी इच्छा इसे जारी रखने की है और मैं इसे और सुधारना जारी रखूंगी.’ सिंधु के नाम 2013 और 2014 में विश्व चैम्पियनशिप एकल के दो ब्रॉन्ज मेडल भी हैं. वह साल के अंत में होने वाली दुबई सुपर सीरीज फाइनल्स के सेमीफाइनल में हार गई थीं.
रियो ओलिंपिक खेलों में सिल्वर मेडल के बारे में उन्होंने कहा, ‘अभ्यास सत्र में मेरी कड़ी मेहनत का फल मिला. ओलिंपिक से पहले और बाद में चीजें अलग थीं. रियो में पदक ने मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी की और मुझे प्रेरित रखा. इसी तरह से मैं आगे बढ़ती हूं और मैं सचमुच अच्छा प्रदर्शन कर रही हूं.’
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