अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ द्वारा फैसला बदलने के बाद विकास कृष्णन के ओलिंपिक से बाहर होने से स्तब्ध भारतीय मुक्केबाजी दल अपने दम पर जवाबी विरोध प्रदर्शन की तैयारी में है।
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लंदन:
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ द्वारा फैसला बदलने के बाद विकास कृष्णन के ओलिंपिक से बाहर होने से स्तब्ध भारतीय मुक्केबाजी दल अपने दम पर जवाबी विरोध प्रदर्शन की तैयारी में है।
राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने बताया, हम खुद वीडियो समीक्षा कर रहे हैं और जवाबी विरोध की तैयारी में हैं। मुझे औपचारिकताओं की जानकारी नहीं है, लेकिन (अभियान प्रमुख मुरलीधरन) राजा ने कहा कि जवाब देने का हमेशा एक तरीका होता है। विकास (69 किलो) उस समय ओलिंपिक से बाहर हो गए, जब एबा ने उनके जीतने के बावजूद रिव्यू पर प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले का फैसला बदल दिया।
विकास ने एरोल स्पेंस पर 13-11 से जीत दर्ज की। विरोधी टीम की अपील पर एबा ने उन फाउल का हवाला देकर विकास के अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को विजयी घोषित किया, जो रेफरी ने नहीं देखे थे। इस फैसले से स्तब्ध भारतीय टीम ने मामले पर बातचीत के लिए आपात बैठक बुलाई थी। संधू ने कहा कि भारत प्रतिस्पर्धा जूरी द्वारा किए गए आकलन को चुनौती देंगे।
जूरी ने कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वी को नौ बार पकड़ने और जानबूझकर बाउट के दौरान गमशील्ड थूकने के कारण विकास के चार अंक छीने जाने चाहिए। इसमें कहा गया कि अमेरिकी मुक्केबाज को कम से कम चार अंक और मिलने चाहिए थे, इसलिए अंतिम स्कोर अमेरिकी मुक्केबाज के पक्ष में 15-13 होना चाहिए। विरोध को स्वीकार किया जाता है और अमेरिकी मुक्केबाज स्पेंस को विजेता घोषित किया जाता है।
गौरतलब है कि लंदन ओलिंपिक में मुक्केबाजी स्पर्धाएं कई बार विवादों में रहीं हैं और एबा की स्कोरिंग प्रणाली की कड़ी आलोचना हुई है। भारत भी सुमित सांगवान (81 किग्रा) को मिली हार के फैसले पर विरोध जता चुका है, लेकिन भारत की अपील खारिज कर दी गई थी। भारतीय ओलिंपिक संघ ने भी विकास का समर्थन किया और एबा के फैसले की निंदा की।
आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा, आईओए इस फैसले का विरोध करता है। भारतीय दल को मजबूती से विरोध दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा, चार अलग-अलग जज हैं और अलग-अलग फैसले करते हैं। यह हैरानी की बात है कि किसी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। चार लोगों ने फैसला लिया था और उसे सुनाए जाने के बाद अमेरिका का अपील करना गलत था।
राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने बताया, हम खुद वीडियो समीक्षा कर रहे हैं और जवाबी विरोध की तैयारी में हैं। मुझे औपचारिकताओं की जानकारी नहीं है, लेकिन (अभियान प्रमुख मुरलीधरन) राजा ने कहा कि जवाब देने का हमेशा एक तरीका होता है। विकास (69 किलो) उस समय ओलिंपिक से बाहर हो गए, जब एबा ने उनके जीतने के बावजूद रिव्यू पर प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले का फैसला बदल दिया।
विकास ने एरोल स्पेंस पर 13-11 से जीत दर्ज की। विरोधी टीम की अपील पर एबा ने उन फाउल का हवाला देकर विकास के अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को विजयी घोषित किया, जो रेफरी ने नहीं देखे थे। इस फैसले से स्तब्ध भारतीय टीम ने मामले पर बातचीत के लिए आपात बैठक बुलाई थी। संधू ने कहा कि भारत प्रतिस्पर्धा जूरी द्वारा किए गए आकलन को चुनौती देंगे।
जूरी ने कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वी को नौ बार पकड़ने और जानबूझकर बाउट के दौरान गमशील्ड थूकने के कारण विकास के चार अंक छीने जाने चाहिए। इसमें कहा गया कि अमेरिकी मुक्केबाज को कम से कम चार अंक और मिलने चाहिए थे, इसलिए अंतिम स्कोर अमेरिकी मुक्केबाज के पक्ष में 15-13 होना चाहिए। विरोध को स्वीकार किया जाता है और अमेरिकी मुक्केबाज स्पेंस को विजेता घोषित किया जाता है।
गौरतलब है कि लंदन ओलिंपिक में मुक्केबाजी स्पर्धाएं कई बार विवादों में रहीं हैं और एबा की स्कोरिंग प्रणाली की कड़ी आलोचना हुई है। भारत भी सुमित सांगवान (81 किग्रा) को मिली हार के फैसले पर विरोध जता चुका है, लेकिन भारत की अपील खारिज कर दी गई थी। भारतीय ओलिंपिक संघ ने भी विकास का समर्थन किया और एबा के फैसले की निंदा की।
आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा, आईओए इस फैसले का विरोध करता है। भारतीय दल को मजबूती से विरोध दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा, चार अलग-अलग जज हैं और अलग-अलग फैसले करते हैं। यह हैरानी की बात है कि किसी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। चार लोगों ने फैसला लिया था और उसे सुनाए जाने के बाद अमेरिका का अपील करना गलत था।
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