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This Article is From May 05, 2011

कोरियाई चुनौती का सामना नहीं कर सका भारत

दो गोल से बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय हॉकी टीम को अजलन शाह कप के अपने पहले मैच में कोरिया के हाथों 2-3 से पराजय का सामना करना पड़ा।
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इपोह: दो गोल से बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय हॉकी टीम को अजलन शाह कप के अपने पहले मैच में गुरुवार को कोरिया के हाथों 2-3 से पराजय का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही कोरिया ने पिछले साल नवंबर में ग्वांग्झू एशियाई खेलों के कांस्य पदक मुकाबले में भारत के हाथों मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया। दोनों टीमें अजलन शाह कप में पिछले साल संयुक्त विजेता थी। अपने कई सीनियर खिलाड़ियों के बिना युवा ब्रिगेड लेकर उतरी भारतीय टीम ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन दूसरे हाफ में कोरियाई रफ्तार और दम खम का सामना नहीं कर सकी। भारत के लिए दिवाकर राम (20वां मिनट) और दानिश मुज्तबा (27वां) ने गोल दागे जबकि कोरिया के लिये चो सुक हून (31वां), यून सुंग हून (41वां) और जांग जोंग ह्यून (56वां) ने गोल किए। पहले हाफ में बढत बनाने के बाद अजरुन हलप्पा की अगुवाई वाली भारतीय टीम लय बरकरार नहीं रख पाई। अगले साल फरवरी में होने वाले लंदन ओलंपिक 2012 क्वालीफायर की तैयारी के लिए अहम माने जा रहे इस टूर्नामेंट में ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह, मिडफील्डर सरदारा सिंह, पूर्व कप्तान राजपाल सिंह और फारवर्ड तुषार खांडेकर जैसे भारत के कई सीनियर खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं। भारतीय टीम को कल ब्रिटेन से खेलना है। भारतीय टीम के लिये गोलकीपर एड्रियन डिसूजा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए कई गोल बचाए। कोरिया को पहला पेनल्टी कार्नर सातवें मिनट में मिला लेकिन कोरियाई स्ट्राइकर का निशाना चूक गया। इसके बाद भारतीयों ने कोरियाई गोल में कई जवाबी हमले बोले। इसका फायदा 20वें मिनट में मिला जब भारत को पहला पेनल्टी कार्नर मिला। टीम में वापसी करने वाले दिवाकर ने ली म्यून हू को छकाकर इसे गोल में बदला। वैसे पुश धनंजय महाडिक के लिये किया गया था लेकिन वह इसे ठीक से पकड़ नहीं पाए और दिवाकर की ओर बढा दिया जिसने गोल करने में कोई चूक नहीं की। मैच में 24वें मिनट में तनाव भी देखा गया जब कोरिया ने पेनल्टी कार्नर के तब्दील होने का दावा किया लेकिन ब्रिटिश अंपायर मार्टिन माडेन ने इसे नकार दिया। इस बीच कोरिया के ली सुंग टू और जांग जोंग ह्यून को हरे कार्ड भी दिखाये गए। टीम मैदान से बाहर भी चली गई लेकिन अंपायर ने फैसला नहीं बदला तो उन्हें लौटना पड़ा। भारत के लिये 27वें मिनट में दानिश ने रिवर्स फ्लिक पर दूसरा गोल करके कोरियाई खेमे को सकते में ला दिया। भारत के पास 2-0 की बढ़त हो गई थी। इस गोल से स्तब्ध कोरिया ने जमकर जवाबी हमले शुरू कर दिए। उसके लिये पहला गोल 31वें मिनट में हून ने दागा जिसे भारतीय गोलकीपर डिसूजा बचा नहीं सके। हाफ टाइम तक स्कोर 2-1 था। दूसरे हाफ में कोरियाई खिलाड़ियों ने भारतीय डिफेंस को तितर बितर कर दिया। उन्हें बराबरी करने में सिर्फ छह मिनट लगे। हून ने बराबरी का गोल दागा जबकि नैम ह्यून वू इससे ठीक पहले मिले पेनल्टी कार्नर को तब्दील नहीं कर सके थे। भारत के विक्रम पिल्लै ने 56वें मिनट में कोरिया के युंग सुन हून को बाधा पहुंचाई और अंपायर डेविड टोम्लिंसन ने पेनल्टी स्ट्रोक देने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। इसे गोल में बदलकर ह्यून ने कोरिया को 3-2 से बढ़त दिला दी। इसके बाद कोरियाई खिलाड़ियों ने रक्षात्मक खेल दिखाते हुए भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया। भारतीय टीम दूसरे हाफ में थकी हुई नजर आई और अच्छे मूव भी नहीं बना सकी।

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