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This Article is From Aug 12, 2012

लंदन ओलिंपिक में छाप छोड़ने में नाकाम रहे भारतीय एथलीट

भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट यहां संपन्न हुए लंदन ओलिंपिक खेलों में छाप छोड़ने में नाकाम रहे और किसी भी एथलीट ने असाधारण प्रदर्शन नहीं किया।
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लंदन: भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट यहां संपन्न हुए लंदन ओलिंपिक खेलों में छाप छोड़ने में नाकाम रहे और किसी भी एथलीट ने असाधारण प्रदर्शन नहीं किया।

भारत ने 14 सदस्यीय ट्रैक एंड फील्ड दल लंदन भेजा था और आशा थी कि ये सदस्य डोपिंग प्रकरण से उबरकर उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

जमैकाई फर्राटा धावक उसेन बोल्ट ने लंदन ओलिंपिक की 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा सौ मीटर स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने इन स्पर्धा में बीजिंग में 2008 में भी खिताब जीते थे।

हालांकि भारत के लिए एथलेटिक्स में वही पुरानी कहानी दोहराई गई और देश के नाम कोई पदक नहीं आया। वर्ष 2010 राष्ट्रमंडल खेलों और फिर एशियाई खेलों में भारत ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी लेकिन लंदन में खराब प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारत केवल राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल स्तरों पर ही अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है।

सरकार ने एथलीटों को अमेरिका और यूरोप के प्रसिद्ध कोचों द्वारा प्रशिक्षण पर अब तक का सर्वाधिक धन खर्च किया था।

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