पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympic 2024) की ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय महिला खिलाड़ियों की ड्रेस को लेकर इसके डिजायनर तरुण तहिलियानी (Tarun Tahiliani) को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. ज्यादातर लोग इस बात से दुखी हैं कि इतने बड़े इवेंट में भारतीय परिधानों को दुनिया के सामने शोकेस करने के मौके को गंवा दिया गया और महिला खिलाड़ियों के लिए सस्ता और घटिया कपड़ा बना दिया गया. यूजर्स इस बात को लेकर भी तरुण तहिलियानी को कोस रहे हैं कि उन्होंने अपने ब्रांड का लोगो भी इस ड्रेस में लगा दिया, जिससे उनकी कंपनी का प्रचार हो. मगर इससे महिला खिलाड़ियों की ड्रेस बेहद घटिया दिखने लगी.
Not only has Tarun Tahiliani designed this dress which a lot of people are disliking, he has also put the logo of TASVA on the borders of the dress.
— Shubhendu (@BBTheorist) July 27, 2024
TASVA is a collaborative label of Tarun Tahiliani and Aditya Birla Group set up in 2021. pic.twitter.com/sUZJ1aQXaa
तरुण तहिलियानी ने क्या कहा?
अब इस पर तरुण तहिलियानी ने एनडीटीवी से बात की है. तरुण तहिलियानी ने कहा कि वो कोई लोगो नहीं है. बॉर्डर पर बस एक सिंबल बना हुआ था. जब आप कोई फोटो देखते हैं तो आप उस पर ध्यान भी नहीं देते. हमने इसकी जगह पहले भारतीय ध्वज लगाया था, लेकिन हमें बताया गया कि इसका उपयोग नहीं किया जा सकता. हमने आईओसी (IOC)के दिशा-निर्देशों का पालन किया और आखिरी मिनट में कई चीजें बदल गईं. मैं अपने डिजाइन से खुश हूं. हम भारतीय यही पहनते हैं और यह कोई कपड़ों की प्रदर्शनी नहीं है. मैं स्वीकार करता हूं कि लोगों के अपने विचार हो सकते हैं. मैं इससे सहमत हूं लेकिन हमने जो किया, उस पर मैं कायम हूं. हम टीम को तिरंगे के रंग में चाहते थे, क्योंकि अधिकांश देश उनके जीकेएडी का पालन करते हैं और वह सब दूर से दिखाई दे रहा था. आप सराहना करेंगे कि मेरे लिए उन्हें जरदोजी बनियान में भेजना बहुत आसान था, लेकिन यह उचित नहीं है.
"कितने कमाए" का दिया जवाब
डिजायनर तरुण तहिलियानी ने कहा कि आलोचकों ने सवाल उठाया है कि हमने इससे पैसे बनाए. जबकि हकीकत यह है कि कि इसका भुगतान तस्वा और अन्य द्वारा किया गया. यह पैसे कमाने के लिए नहीं बनाया गया था. तस्वा ने यह हमारे एथलीटों का समर्थन करने के लिए किया था. मुझे इसके लिए क्या भुगतान किया गया था, यह पूछने वाले की सिर्फ मानसिकता को दर्शाता है. हां, हमारे पास इसे बनाने के लिए 3 सप्ताह का समय था. मैं उस समय में 300 वर्दियों के लिए हैंडलूम नहीं खरीद सकता था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं