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डिजाइनर ने ड्रेस पर अपना लोगो ही छाप डाला! पेरिस में भारतीय दल के ओलंपिक यूनिफॉर्म पर जानिए क्यों मच गया बवाल

Olympic dress controversy : ओलंपिक में महिला खिलाड़ियों के ड्रेस को लेकर सोशल मीडिया पर बहस गरम है. जानिए क्या है विवाद और तरुण तहिलियानी का जवाब...

डिजाइनर ने ड्रेस पर अपना लोगो ही छाप डाला! पेरिस में भारतीय दल के ओलंपिक यूनिफॉर्म पर जानिए क्यों मच गया बवाल
Paris Olympic 2024 : ओलंपिक में ड्रेस विवाद काफी सुर्खियों में है.

पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympic 2024) की ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय महिला खिलाड़ियों की ड्रेस को लेकर इसके डिजायनर तरुण तहिलियानी (Tarun Tahiliani) को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. ज्यादातर लोग इस बात से दुखी हैं कि इतने बड़े इवेंट में भारतीय परिधानों को दुनिया के सामने शोकेस करने के मौके को गंवा दिया गया और महिला खिलाड़ियों के लिए सस्ता और घटिया कपड़ा बना दिया गया. यूजर्स इस बात को लेकर भी तरुण तहिलियानी को कोस रहे हैं कि उन्होंने अपने ब्रांड का लोगो भी इस ड्रेस में लगा दिया, जिससे उनकी कंपनी का प्रचार हो. मगर इससे महिला खिलाड़ियों की ड्रेस बेहद घटिया दिखने लगी.

तरुण तहिलियानी ने क्या कहा?

अब इस पर तरुण तहिलियानी ने एनडीटीवी से बात की है.  तरुण तहिलियानी ने कहा कि वो कोई लोगो नहीं है. बॉर्डर पर बस एक सिंबल बना हुआ था. जब आप कोई फोटो देखते हैं तो आप उस पर ध्यान भी नहीं देते. हमने इसकी जगह पहले भारतीय ध्वज लगाया था, लेकिन हमें बताया गया कि इसका उपयोग नहीं किया जा सकता. हमने आईओसी (IOC)के दिशा-निर्देशों का पालन किया और आखिरी मिनट में कई चीजें बदल गईं. मैं अपने डिजाइन से खुश हूं. हम भारतीय यही पहनते हैं और यह कोई कपड़ों की प्रदर्शनी नहीं है. मैं स्वीकार करता हूं कि लोगों के अपने विचार हो सकते हैं. मैं इससे सहमत हूं लेकिन हमने जो किया, उस पर मैं कायम हूं. हम टीम को तिरंगे के रंग में चाहते थे, क्योंकि अधिकांश देश उनके जीकेएडी का पालन करते हैं और वह सब दूर से दिखाई दे रहा था. आप सराहना करेंगे कि मेरे लिए उन्हें जरदोजी बनियान में भेजना बहुत आसान था, लेकिन यह उचित नहीं है.

"कितने कमाए" का दिया जवाब

डिजायनर तरुण तहिलियानी ने कहा कि आलोचकों ने सवाल उठाया है कि हमने इससे पैसे बनाए. जबकि हकीकत यह है कि कि इसका भुगतान तस्वा और अन्य द्वारा किया गया. यह पैसे कमाने के लिए नहीं बनाया गया था. तस्वा ने यह हमारे एथलीटों का समर्थन करने के लिए किया था. मुझे इसके लिए क्या भुगतान किया गया था, यह पूछने वाले की सिर्फ मानसिकता को दर्शाता है. हां, हमारे पास इसे बनाने के लिए 3 सप्ताह का समय था. मैं उस समय में 300 वर्दियों के लिए हैंडलूम नहीं खरीद सकता था.
 

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