आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारत की युवा टीम शुक्रवार से शुरू हो रहे 16 टीमों के हीरो जूनियर पुरुष विश्वकप हॉकी के पहले मैच में पिछली उपविजेता हॉलैंड से भिड़ेगी, तो उसका इरादा अच्छे प्रदर्शन के साथ आगाज करने का होगा।
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर 6 से 15 दिसंबर तक होने वाले जूनियर विश्वकप में चार-चार के चार समूहों में बांटी गई 16 टीमें खिताब के लिए भिड़ेंगी। भारत को हॉलैंड, कनाडा और कोरिया के साथ पूल सी में रखा गया है। मलेशिया और सिंगापुर में संयुक्त रूप से हुए 2009 जूनियर विश्वकप में नौवें स्थान पर रही भारतीय टीम को अपनी सरजमीं पर अच्छे प्रदर्शन का यकीन है।
हाल ही में जोहोर बाहरू कप में खिताबी जीत दर्ज करने वाली मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम के हौसले बुलंद है, हालांकि कप्तान ने कोई लक्ष्य निर्धारित करने की बजाय मैच-दर-मैच रणनीति अपनाने की बात कही है। सीनियर टीम के अहम सदस्य मनप्रीत 85 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं।
इस स्टार मिडफील्डर ने कहा, हम मैच-दर-मैच रणनीति अपनाएंगे और फिलहाल पूरा फोकस सिर्फ हॉलैंड के खिलाफ मैच पर है। हॉलैंड पिछली उपविजेता है और हमें पहले ही कदम पर सबसे कठिन चुनौती मिली है। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने से हौसला बढ़ेगा। दूसरी ओर, हॉलैंड खिताब के प्रबल दावेदारों में शुमार है और पिछली बार खिताब से चूकने की कसक मिटाना चाहेगा। डच कोच जोएर्ड मारिने ने स्वीकार किया कि भारतीय चुनौती कठिन है, लेकिन उन्हें जीत का यकीन है।
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