 
                                            हरजीत सिंह (बाएं) जूनियर हॉकी वर्ल्डकप में भारतीय टीम के कप्तान थे (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - फाइनल में पूरे समय बेल्जियम पर हावी रही भारतीय टीम
- हरजीत बोले, टीम के रूप में एकजुट रहने का फायदा मिला
- लखनऊ शहर के दर्शकों का हमें भरपूर समर्थन मिला
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                                                                                लखनऊ: 
                                        बेल्जियम को फाइनल में 2-1 से हराकर रविवार को जूनियर हॉकी वर्ल्डकप का खिताब अपने नाम करने वाली भारतीय टीम के कप्तान हरजीत सिंह ने कहा कि यह खिताब पिछले कुछ वर्षों से टीम द्वारा की गई अथक मेहनत और तैयारियों का नतीजा है. घरेलू दर्शकों के सामने भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और पूरे मैच के दौरान बेल्जियम पर हावी रहे.
भारत ने गुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह के दो शानदार फील्ड गोलों की बदौलत बेल्जियम को 2-1 से हराते हुए 15 वर्ष के अंतराल के बाद दोबारा जूनियर हॉकी वर्ल्डकप का खिताब अपने नाम किया. खिताब जीतने के बाद कप्तान हरजीत सिंह ने कहा, 'यह एक शानदार जीत है और हम इसके हकदार थे. हम पिछले दो वर्षों से इस टूर्नामेंट के लिए कठिन मेहनत कर रहे थे. हमने टूर्नामेंट-दर-टूर्नामेंट खुद में सुधार किए." हरजीत सिंह ने कहा, 'अनेक कठिनाइयों के बावजूद हम एक टीम के रूप में एकजुट रहे और इससे में फायदा मिला। हमने पूरे टूर्नामेंट में अच्छी हॉकी खेली और हमें लखनऊ के खेल प्रेमियों का अच्छा समर्थन मिला। स्थानीय खेल प्रेमी बड़ी संख्या में हमारा समर्थन करने यहां जुटे.'
गौरतलब है कि भारत तीसरी बार जूनियर वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था. इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर एकमात्र जूनियर वर्ल्ड कप जीता था. वहीं 1997 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था. भारत 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था और उस समय भी टीम के कोच हरेंद्र सिंह ही थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                भारत ने गुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह के दो शानदार फील्ड गोलों की बदौलत बेल्जियम को 2-1 से हराते हुए 15 वर्ष के अंतराल के बाद दोबारा जूनियर हॉकी वर्ल्डकप का खिताब अपने नाम किया. खिताब जीतने के बाद कप्तान हरजीत सिंह ने कहा, 'यह एक शानदार जीत है और हम इसके हकदार थे. हम पिछले दो वर्षों से इस टूर्नामेंट के लिए कठिन मेहनत कर रहे थे. हमने टूर्नामेंट-दर-टूर्नामेंट खुद में सुधार किए." हरजीत सिंह ने कहा, 'अनेक कठिनाइयों के बावजूद हम एक टीम के रूप में एकजुट रहे और इससे में फायदा मिला। हमने पूरे टूर्नामेंट में अच्छी हॉकी खेली और हमें लखनऊ के खेल प्रेमियों का अच्छा समर्थन मिला। स्थानीय खेल प्रेमी बड़ी संख्या में हमारा समर्थन करने यहां जुटे.'
गौरतलब है कि भारत तीसरी बार जूनियर वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था. इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर एकमात्र जूनियर वर्ल्ड कप जीता था. वहीं 1997 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था. भारत 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था और उस समय भी टीम के कोच हरेंद्र सिंह ही थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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                                        जूनियर हॉकी वर्ल्डकप, भारत, हरजीत सिंह, बेल्जियम, चैंपियन, Junior Hockey World Cup, India, Harjeet Singh, Belgium, Spain
                            
                        