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This Article is From Apr 14, 2011

भारत-पाक श्रृंखला में सबसे बड़ा रोड़ा व्यस्त कार्यक्रम

दोनों देश हालांकि एफटीपी से इतर कार्यक्रम तय कर सकते हैं लेकिन टीम इंडिया का कार्यक्रम काफी व्यस्त है।
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New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग चार साल बाद द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला बहाल करने की राह में विशेषकर भारतीय टीम का व्यस्त कार्यक्रम रोड़ा बन सकता है। भारतीय खिलाड़ियों को अगले साल अप्रैल तक अपना अधिकतर समय क्रिकेटिया गतिविधियों में बिताना है। भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय श्रृंखला 2007 में आयोजित की गई थी। तब भारत ने अपने पड़ोसी देश की मेजबानी की थी लेकिन नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी टीम पाकिस्तान भेजने से इन्कार कर दिया था लेकिन अब दोनों देश इस साल द्विपक्षीय श्रृंखला शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के भविष्य के दौरान कार्यक्रम (एफटीपी) के अनुसार भारत और पाकिस्तान को इस साल कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलनी है। इसके हिसाब से अगले साल फरवरी-मार्च में भारत को पाकिस्तानी टीम की मेजबानी करनी है। ये दोनों देश हालांकि एफटीपी से इतर कार्यक्रम तय कर सकते हैं लेकिन भारतीय टीम का कार्यक्रम काफी व्यस्त है और उसके लिए एफटीपी का पालन करते हुए इस श्रृंखला के लिए समय निकालना मुश्किल होगा। भारतीय क्रिकेट टीम के लगभग सभी खिलाड़ी अभी इंडियन प्रीमियर लीग में व्यस्त हैं। टीम को जून के पहले सप्ताह से लेकर दस जुलाई तक वेस्टइंडीज दौरे पर जाना है जहां वह चार टेस्ट और पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी। वेस्टइंडीज से ही टीम चार टेस्ट, पांच वन डे और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने के लिये इंग्लैंड दौरे पर चली जाएगी। इसी साल अक्तूबर में इंग्लैंड की टीम पांच एकदिवसीय मैच और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने के लिए भारत आएगी जबकि इसके तुरंत बाद भारतीय टीम को वेस्टइंडीज की मेजबानी करनी है जो यहां आकर तीन टेस्ट और पांच वन डे मैच खेलेगा। कैरेबियाई टीम के खिलाफ यह श्रृंखला दिसंबर के शुरू तक चलेगी जिसके बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर रवाना हो जाएगी। भारत को ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट खेलने हैं जिसके बाद त्रिकोणीय श्रृंखला का आयोजन होना है जिसमें टीम को आठ से 11 तक एकदिवसीय मैच खेलने पड़ सकते है। भारत का यह दौरा फरवरी 2012 में समाप्त होगा। ऐसे में भारतीय टीम को फरवरी के आखिरी पखवाड़े या मार्च में ही पाकिस्तान से भिड़ने का मौका मिलेगा। एफटीपी के अनुसार भारत को इस दौरान तीन टेस्ट और पांच वन डे के लिए पाकिस्तान की मेजबानी करनी है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड हालांकि चाहता है कि भारतीय टीम पहले पाकिस्तान दौरे पर आए। पीसीबी इसके लिये जून में खाका तैयार करेगा लेकिन भारतीय टीम के व्यस्त कार्यक्रम के कारण उसे काफी माथापच्ची करनी होगी। भारत को जनवरी 2009 में पाकिस्तान दौरे पर जाना था लेकिन मुंबई आतंकी हमले के कारण यह दौरा रद्द कर दिया गया था। एफटीपी के हिसाब से भारत को फरवरी-मार्च 2013 में पाकिस्तान दौरे पर जाना है। एफटीपी के अनुसार इसके बाद सितंबर में वह दो टेस्ट और तीन वनडे के लिए जिम्बाब्वे की मेजबानी करेगा। जिम्बाब्वे ने अभी खुद को टेस्ट क्रिकेट से अलग रखा है हालांकि वह इस साल टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने पर विचार कर रहा है और यदि ऐसा होता है तो वह मार्च 2009 के बाद पाकिस्तान दौरे पर जाने वाली पहली विदेशी टीम भी बन सकती है। यदि श्रीलंका अपने खिलाड़ियों पर 2009 के आतंकी हमले को भुला देता है तो फिर उसकी टीम को इस साल अक्तूबर नवंबर में तीन टेस्ट और पांच वन डे के लिये पाकिस्तान का दौरा करना है जबकि इसके बाद दिसंबर में पाकिस्तानी टीम दो टेस्ट और तीन वन डे खेलने के लिए बांग्लादेश जाएगी। पाकिस्तान को जनवरी 2012 में तीन टेस्ट और पांच एकदिवसीय मैचों के लिए इंग्लैंड की मेजबानी करनी है। मार्च में यदि भारत के साथ उसकी श्रृंखला संभव हो पाती है तो फिर उसके बाद दो टेस्ट और तीन वन डे खेलने के लिये बांग्लादेश की टीम पाकिस्तान जाएगी। यह श्रृंखला पहले अगस्त 2010 में होनी थी। पाकिस्तानी टीम मई में तीन टेस्ट, पांच वन डे और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने के लिए श्रीलंका जाएगी जबकि अक्तूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगी। श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद कोई भी टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं गई और ऐसे में पाकिस्तानी टीम ने अपनी घरेलू श्रृंखलाएं अबुधाबी या इंग्लैंड में आयोजित कराई।

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