लंदन ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम सोमवार को नीदरलैंड्स के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है।
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लंदन:
लंदन ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम सोमवार को नीदरलैंड्स के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है।
बीजिंग ओलिंपिक में क्वालीफाई नहीं कर पाई भारतीय हॉकी टीम इस बार अपने नौवें ओलिंपिक स्वर्ण पदक हासिल करने की उम्मीदों के साथ लंदन पहुंची है।
भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए डच टीम के अलावा पूर्व चैम्पियन जर्मनी, कोरिया, न्यूजीलैंड और बेल्जियम की टीमों से भिड़ना है।
भारत ने नीदरलैंड्स को आखिरी बार ओलिंपिक में वर्ष 1984 में हराया था और जर्मनी के खिलाफ उसे आखिरी ओलिंपिक जीत 1968 में हासिल हुई थी।
किवी टीम भारत के लिए हमेशा से कठिन प्रतिद्वंद्धी रही है। कोरिया के साथ मुकाबले में जहां भारत की जीत और हार के बराबर अवसर हैं, वहीं बेल्जियम के खिलाफ उसे अपनी तेज-तरार हॉकी का प्रदर्शन करना होगा।
इस बार हॉकी से भारत को खासी उम्मीदें हैं। इस वर्ष की शुरुआत में कमजोर प्रतिद्वंद्धियों के खिलाफ नई दिल्ली में मिली लगातार जीत के बूते भारत ने इस बार ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
भारतीय टीम ने मलेशिया के इपोह में हुए सुल्तान अलजान शाह कप टूर्नामेंट में कांस्य पदक हासिल किया था, जबकि किवी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था।
लेकिन बाद में लंदन में हुई एक प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ मिली हार ने मिली भारत को अपनी तैयार का सही आंकलन करने के लिए मजबूर किया था।
वर्ष 2004 में आखिरी बार ओलिंपिक में खेलने वाले भारत ने तब से अभी तक केवल तीन विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।
वर्ष 2005 में उसने चेन्नई में खेली गई चैम्यिन्स ट्रॉफी में छठा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद उसने वर्ष 2006 और 2010 में हुए विश्व कप में क्रमश: 11 वां और आठवां स्थान प्राप्त किया था।
बीजिंग ओलिंपिक में क्वालीफाई नहीं कर पाई भारतीय हॉकी टीम इस बार अपने नौवें ओलिंपिक स्वर्ण पदक हासिल करने की उम्मीदों के साथ लंदन पहुंची है।
भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए डच टीम के अलावा पूर्व चैम्पियन जर्मनी, कोरिया, न्यूजीलैंड और बेल्जियम की टीमों से भिड़ना है।
भारत ने नीदरलैंड्स को आखिरी बार ओलिंपिक में वर्ष 1984 में हराया था और जर्मनी के खिलाफ उसे आखिरी ओलिंपिक जीत 1968 में हासिल हुई थी।
किवी टीम भारत के लिए हमेशा से कठिन प्रतिद्वंद्धी रही है। कोरिया के साथ मुकाबले में जहां भारत की जीत और हार के बराबर अवसर हैं, वहीं बेल्जियम के खिलाफ उसे अपनी तेज-तरार हॉकी का प्रदर्शन करना होगा।
इस बार हॉकी से भारत को खासी उम्मीदें हैं। इस वर्ष की शुरुआत में कमजोर प्रतिद्वंद्धियों के खिलाफ नई दिल्ली में मिली लगातार जीत के बूते भारत ने इस बार ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
भारतीय टीम ने मलेशिया के इपोह में हुए सुल्तान अलजान शाह कप टूर्नामेंट में कांस्य पदक हासिल किया था, जबकि किवी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था।
लेकिन बाद में लंदन में हुई एक प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ मिली हार ने मिली भारत को अपनी तैयार का सही आंकलन करने के लिए मजबूर किया था।
वर्ष 2004 में आखिरी बार ओलिंपिक में खेलने वाले भारत ने तब से अभी तक केवल तीन विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।
वर्ष 2005 में उसने चेन्नई में खेली गई चैम्यिन्स ट्रॉफी में छठा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद उसने वर्ष 2006 और 2010 में हुए विश्व कप में क्रमश: 11 वां और आठवां स्थान प्राप्त किया था।
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