 
                                            देवेश चौहान (फेसबुक पेज से साभार)
                                                                                                                        - 2001 में चैंपियन बनी जूनियर टीम के गोलकीपर थे देवेश
- कहा-हमें मौकों का भरपूर फायदा उठाना होगा
- मौजूदा टीम की फिटनेस हमारे समय की टीम से ज्यादा अच्छी
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                                        जूनियर हॉकी वर्ल्डकप के फाइनल में आज शाम पूरे देश की निगाहें हरजीत सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय टीम पर टिकी होंगी. हर किसी को उम्मीद है कि भारतीय टीम फाइनल में बेल्जियम को हराकर अपने 15 साल के खिताब के सूखे को खत्म करने में कामयाब होगी. इससे पहले भारतीय टीम वर्ष 2001 में होबार्ट में फाइनल में अर्जेंटीना को हराकर चैंपियन बनी थी. 2001 के जूनियर वर्ल्डकप में विजेता भारतीय टीम के गोलकीपर रहे देवेश चौहान का मानना है कि आज के मुकाबले में भारत के बेल्जियम के खिलाफ चैंपियन बनने के अवसर 55 फीसदी हैं. टीम ने यदि हासिल हुए मौकों को बखूबी भुनाया तो वह देश को जीत का तोहफा देगी. हमारे संवाददाता की देवेश चौहान से बातचीत के प्रमुख अंश..
वर्ष 2001 में भारतीय टीम ने खिताब जीता था और आप उस टीम के प्रमुख सदस्य थे. उस टीम के मुकाबले मौजूदा टीम को किस तरह आंकते हैं?
मेरा मानना है कि मौजूदा भारतीय टीम उस समय की टीम से ज्यादा फिट और अलग है. टीम के खिलाड़ी उस टीम के मुकाबले ज्यादा चुस्त दुरुस्त हैं. इस टीम के सहारे भारतीय टीम हॉकी के सुनहरे दिनों की वापसी कर सकती है.
आपके समय की और मौजूदा भारतीय टीम में क्या फर्क देखते हैं?
सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में कोई सुपर स्टार नहीं है. हमारे समय की टीम में दीपक ठाकुर और जुगराज सिंह जैसे स्टार खिलाड़ी थे. मौजूदा टीम की खासियत यह है कि इसमें कोई अकेला स्टार खिलाड़ी नहीं है. यह यूनिट के रूप में जबर्दस्त खेल रही है. दूसरे शब्दों में कहें तो पूरी टीम सुपर स्टार है. इस टीम के मनदीप, गुरजंत, हरमनप्रीत जैसे कई खिलाड़ी गोल करते हैं और टीम की जीत में अहम योगदान देते हैं.
आपकी नजर में इस टीम में ऐसी क्या वजह है कि यह खिताब जीत सकती है?
मौजूदा टीम की सबसे बड़ी बात इसकी यूनिटी के अलावा फिटनेस है. इस टीम को इंटरनेशनल मैच खेलने का काफी अनुभव है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर वापसी करने की क्षमता रखती है. विपक्षी टीम के स्टार खिलाड़ियों का इसे जरा भी खौफ नहीं है. मैच-दर-मैच यह बेहतर प्रदर्शन कर रही है. अपनी गलतियों को सुधार रही है. टीम के गोलकीपर काफी अच्छे हैं. जिस तरह से हमने ऑस्ट्रेलिया को हराया, उसे देखते हुए कह सकता हूं कि यह किसी भी टीम को हरा सकती है.
जब 2001 में आपने खिताबी जीत हासिल की थी, तब क्या माहौल था, चैंपियन बनने का जश्न किस तरह से जश्न मनाया था?
जब हम 2001 में खिताब जीते थे तब वहां केवल 500 लोग थे. जीत के बाद एक भारतीय रेस्तरां गए थे और मौजमस्ती कर चैंपियन बनने का जश्न मनाया था. इस वर्ल्डकप की बात करें तो फाइनल में भारतीय टीम के जीत के चांस 55 फीसदी हैं. इस टीम के युवा प्लेयर्स ने भारतीय हॉकी के माहौल को बदल डाला है. यह भविष्य में भारतीय हॉकी के लिए अच्छा संकेत है.
फाइनल में बेल्यिलम के खिलाफ क्या उम्मीद है?
अपने घरेलू मैदान पर भारतीय टीम को दर्शकों का जबर्दस्त सपोर्ट भी मिलेगा. मेरे लिहाज से भारत की जीत के 55 और बेल्जियम की जीत के 45 फीसदी चांस है. इसके बावजूद हमें बेल्जियम को कमजोर नहीं आंक सकते. यह खतरनाक टीम हैं और इसका गोलकीपर और डिफेंस बेहद अच्छा है. हमें मिले मौकों का भरपूर फायदा लेकर उन्हें भुनाना होगा.मौके बनाने होंगे और उन्हें भुनाना होगा
भारतीय टीम की जीत का जश्न (अगर मिली तो) कैसे मनाएंगे?
देखिए जीत की उम्मीद कीजिए. यह जीत भारतीय हॉकी की रंगत बदल सकती है. आने वाले वर्षों में हम इससे बड़ी उम्मीद कर सकते हैं. यदि टीम जीती तो इसका जश्न पूरे देश भर में मनेगा जिसमें हम, आप सब शामिल होंगे.
                                                                        
                                    
                                वर्ष 2001 में भारतीय टीम ने खिताब जीता था और आप उस टीम के प्रमुख सदस्य थे. उस टीम के मुकाबले मौजूदा टीम को किस तरह आंकते हैं?
मेरा मानना है कि मौजूदा भारतीय टीम उस समय की टीम से ज्यादा फिट और अलग है. टीम के खिलाड़ी उस टीम के मुकाबले ज्यादा चुस्त दुरुस्त हैं. इस टीम के सहारे भारतीय टीम हॉकी के सुनहरे दिनों की वापसी कर सकती है.
आपके समय की और मौजूदा भारतीय टीम में क्या फर्क देखते हैं?
सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में कोई सुपर स्टार नहीं है. हमारे समय की टीम में दीपक ठाकुर और जुगराज सिंह जैसे स्टार खिलाड़ी थे. मौजूदा टीम की खासियत यह है कि इसमें कोई अकेला स्टार खिलाड़ी नहीं है. यह यूनिट के रूप में जबर्दस्त खेल रही है. दूसरे शब्दों में कहें तो पूरी टीम सुपर स्टार है. इस टीम के मनदीप, गुरजंत, हरमनप्रीत जैसे कई खिलाड़ी गोल करते हैं और टीम की जीत में अहम योगदान देते हैं.
आपकी नजर में इस टीम में ऐसी क्या वजह है कि यह खिताब जीत सकती है?
मौजूदा टीम की सबसे बड़ी बात इसकी यूनिटी के अलावा फिटनेस है. इस टीम को इंटरनेशनल मैच खेलने का काफी अनुभव है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर वापसी करने की क्षमता रखती है. विपक्षी टीम के स्टार खिलाड़ियों का इसे जरा भी खौफ नहीं है. मैच-दर-मैच यह बेहतर प्रदर्शन कर रही है. अपनी गलतियों को सुधार रही है. टीम के गोलकीपर काफी अच्छे हैं. जिस तरह से हमने ऑस्ट्रेलिया को हराया, उसे देखते हुए कह सकता हूं कि यह किसी भी टीम को हरा सकती है.
जब 2001 में आपने खिताबी जीत हासिल की थी, तब क्या माहौल था, चैंपियन बनने का जश्न किस तरह से जश्न मनाया था?
जब हम 2001 में खिताब जीते थे तब वहां केवल 500 लोग थे. जीत के बाद एक भारतीय रेस्तरां गए थे और मौजमस्ती कर चैंपियन बनने का जश्न मनाया था. इस वर्ल्डकप की बात करें तो फाइनल में भारतीय टीम के जीत के चांस 55 फीसदी हैं. इस टीम के युवा प्लेयर्स ने भारतीय हॉकी के माहौल को बदल डाला है. यह भविष्य में भारतीय हॉकी के लिए अच्छा संकेत है.
फाइनल में बेल्यिलम के खिलाफ क्या उम्मीद है?
अपने घरेलू मैदान पर भारतीय टीम को दर्शकों का जबर्दस्त सपोर्ट भी मिलेगा. मेरे लिहाज से भारत की जीत के 55 और बेल्जियम की जीत के 45 फीसदी चांस है. इसके बावजूद हमें बेल्जियम को कमजोर नहीं आंक सकते. यह खतरनाक टीम हैं और इसका गोलकीपर और डिफेंस बेहद अच्छा है. हमें मिले मौकों का भरपूर फायदा लेकर उन्हें भुनाना होगा.मौके बनाने होंगे और उन्हें भुनाना होगा
भारतीय टीम की जीत का जश्न (अगर मिली तो) कैसे मनाएंगे?
देखिए जीत की उम्मीद कीजिए. यह जीत भारतीय हॉकी की रंगत बदल सकती है. आने वाले वर्षों में हम इससे बड़ी उम्मीद कर सकते हैं. यदि टीम जीती तो इसका जश्न पूरे देश भर में मनेगा जिसमें हम, आप सब शामिल होंगे.
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                                        जूनियर हॉकी वर्ल्डकप, देवेश चौहान, फाइनल, चैंपियन, इंटरव्यू, Junior Hockey World Cup, भारतीय टीम, बेल्जियम, Indian Team, Devesh Chauhan, Final, Champion, Belgium, Interview
                            
                        