अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ की बहुचर्चित विश्व सीरिज लीग इस साल अगस्त सितंबर से शुरू होगी और फाइनल फरवरी 2014 में भारत में खेला जाएगा।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ की बहुचर्चित विश्व सीरिज लीग इस साल अगस्त सितंबर से शुरू होगी और फाइनल फरवरी 2014 में भारत में खेला जाएगा।
दिल्ली में मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम पर चल रहे ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान प्रेस कांफ्रेंस में एफआईएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे ने कहा, ‘विश्व सीरिज लीग इस साल अगस्त सितंबर में शुरू होगी और पुरूष वर्ग के फाइनल फरवरी 2014 में भारत में जबकि महिला वर्ग के फाइनल 2013 में अर्जेंटीना में खेले जायेंगे।’ यह लीग हर दो साल में खेली जायेगी और भविष्य में ओलंपिक तथा विश्व कप के लिये टीमों का निर्धारण इससे ही होगा।
एफआईएच के सीईओ कैली फेयरवेदर ने बताया, ‘उपमहाद्वीपीय चैम्पियन और मेजबान के अलावा विश्व कप 2014 से क्वालीफाई करने वाली टीमों का निर्धारण लीग के जरिये होगा। मेजबान के स्वत: क्वालीफिकेशन पर फैसला आईओसी की सहमति मिलने के बाद ही हो सकेगा।’ नेग्रे ने बताया कि अभी तक एफआईएच को पुरूष वर्ग में 80 और महिला वर्ग में 58 प्रविष्टियां मिल चुकी हैं।
उन्होंने ढांचे के बारे में तफ्सील से बताया, ‘टूर्नामेंट चार दौर का होगा और पहला दौर स्थानीय होगा जिसमें टीमों का अपने ही उपमहाद्वीप में खेलना तय नहीं है। दूसरा दौर क्षेत्रीय होगा जिसमें एक से अधिक उपमहाद्वीप की टीमें रहेंगी। दूसरे दौर के चार टूर्नामेंट होंगे और हर टूर्नामेंट में छह टीमें होंगी।’
तीसरा दौर सेमीफाइनल का होगा जो दुनिया भर में खेले जायेंगे। इसमें दो टूर्नामेंट होंगे और आठ टीमों को चार चार के समूह में बांटा जायेगा। फाइनल दौर आठ टीमों का होगा जो भारत में 2014 में खेला जायेगा। एफआईएच की शीर्ष आठ टीमों को सीधे तीसरे दौर में प्रवेश मिलेगा जबकि नौचें से 16वें नंबर की टीमों को दूसरे दौर में प्रवेश दिया जायेगा।
फेयरवेदर ने बताया कि इसके तहत 2014 से विश्व कप और ओलंपिक के लिये मेजबान, पांच उपमहाद्वीपीय चैम्पियन और विश्व सीरिज लीग से छह-सात टीमों का चयन होगा। एफआईएच विश्व लीग मं खेलने वाली सभी टीमों को विश्व रैंकिंग अंक मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि इस लीग के बाद हर साल हाकी में कोई बड़ा टूर्नामेंट मसलन विश्व कप, ओलिंपिक, चैम्पियंस ट्राफी या लीग फाइनल होगा। भविष्य में द्विपक्षीय हाकी श्रृंखलाओं के आयोजन के बारे में उन्होंने कहा कि क्रिकेट की तरह हाकी में भी फ्यूचर्स टूर कार्यक्रम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस साल नवंबर में एफआईएच की कांग्रेस में 2015 से 2018 के टूर्नामेटों का निर्धारण होगा और तब इस पर बात की जा सकती है।’
भारत में विश्व सीरिज हाकी में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और कोचों पर प्रतिबंध के सवाल पर नेग्रे ने कहा कि यह स्थानीय लीग है और इस बारे में फैसला हाकी इंडिया को लेना होगा। उन्होंने कहा, ‘हर खिलाड़ी या कोच फैसला लेने के लिये स्वतंत्र है लेकिन एफआईएच के अपने नियम है। प्रतिबंध के बारे मे फैसला हाकी इंडिया को लेना है, हमें नहीं।’ भारतीय हाकी महासंघ और हाकी इंडिया के बीच मतभेदों और कंेद्र सरकार की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम खेलमंत्री अजय माकन के प्रयासों की सराहना करते हैं। भारत हाकी की महाशक्ति बन सकता है लेकिन एकजुटता जरूरी है। एफआईएच समाधान तलाशने की कोशिश कर रहा है और हमें सभी पक्षों से सहयोग की अपेक्षा है।’
                                                                        
                                    
                                दिल्ली में मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम पर चल रहे ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान प्रेस कांफ्रेंस में एफआईएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे ने कहा, ‘विश्व सीरिज लीग इस साल अगस्त सितंबर में शुरू होगी और पुरूष वर्ग के फाइनल फरवरी 2014 में भारत में जबकि महिला वर्ग के फाइनल 2013 में अर्जेंटीना में खेले जायेंगे।’ यह लीग हर दो साल में खेली जायेगी और भविष्य में ओलंपिक तथा विश्व कप के लिये टीमों का निर्धारण इससे ही होगा।
एफआईएच के सीईओ कैली फेयरवेदर ने बताया, ‘उपमहाद्वीपीय चैम्पियन और मेजबान के अलावा विश्व कप 2014 से क्वालीफाई करने वाली टीमों का निर्धारण लीग के जरिये होगा। मेजबान के स्वत: क्वालीफिकेशन पर फैसला आईओसी की सहमति मिलने के बाद ही हो सकेगा।’ नेग्रे ने बताया कि अभी तक एफआईएच को पुरूष वर्ग में 80 और महिला वर्ग में 58 प्रविष्टियां मिल चुकी हैं।
उन्होंने ढांचे के बारे में तफ्सील से बताया, ‘टूर्नामेंट चार दौर का होगा और पहला दौर स्थानीय होगा जिसमें टीमों का अपने ही उपमहाद्वीप में खेलना तय नहीं है। दूसरा दौर क्षेत्रीय होगा जिसमें एक से अधिक उपमहाद्वीप की टीमें रहेंगी। दूसरे दौर के चार टूर्नामेंट होंगे और हर टूर्नामेंट में छह टीमें होंगी।’
तीसरा दौर सेमीफाइनल का होगा जो दुनिया भर में खेले जायेंगे। इसमें दो टूर्नामेंट होंगे और आठ टीमों को चार चार के समूह में बांटा जायेगा। फाइनल दौर आठ टीमों का होगा जो भारत में 2014 में खेला जायेगा। एफआईएच की शीर्ष आठ टीमों को सीधे तीसरे दौर में प्रवेश मिलेगा जबकि नौचें से 16वें नंबर की टीमों को दूसरे दौर में प्रवेश दिया जायेगा।
फेयरवेदर ने बताया कि इसके तहत 2014 से विश्व कप और ओलंपिक के लिये मेजबान, पांच उपमहाद्वीपीय चैम्पियन और विश्व सीरिज लीग से छह-सात टीमों का चयन होगा। एफआईएच विश्व लीग मं खेलने वाली सभी टीमों को विश्व रैंकिंग अंक मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि इस लीग के बाद हर साल हाकी में कोई बड़ा टूर्नामेंट मसलन विश्व कप, ओलिंपिक, चैम्पियंस ट्राफी या लीग फाइनल होगा। भविष्य में द्विपक्षीय हाकी श्रृंखलाओं के आयोजन के बारे में उन्होंने कहा कि क्रिकेट की तरह हाकी में भी फ्यूचर्स टूर कार्यक्रम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस साल नवंबर में एफआईएच की कांग्रेस में 2015 से 2018 के टूर्नामेटों का निर्धारण होगा और तब इस पर बात की जा सकती है।’
भारत में विश्व सीरिज हाकी में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और कोचों पर प्रतिबंध के सवाल पर नेग्रे ने कहा कि यह स्थानीय लीग है और इस बारे में फैसला हाकी इंडिया को लेना होगा। उन्होंने कहा, ‘हर खिलाड़ी या कोच फैसला लेने के लिये स्वतंत्र है लेकिन एफआईएच के अपने नियम है। प्रतिबंध के बारे मे फैसला हाकी इंडिया को लेना है, हमें नहीं।’ भारतीय हाकी महासंघ और हाकी इंडिया के बीच मतभेदों और कंेद्र सरकार की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम खेलमंत्री अजय माकन के प्रयासों की सराहना करते हैं। भारत हाकी की महाशक्ति बन सकता है लेकिन एकजुटता जरूरी है। एफआईएच समाधान तलाशने की कोशिश कर रहा है और हमें सभी पक्षों से सहयोग की अपेक्षा है।’
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