आईएचएफ सचिव अशोक माथुर ने दावा किया है कि हाकी इंडिया को मान्यता देने में एफआईएच ने अपने ही नियमों का उल्लंघन किया है।
                                            
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                                                                                मुंबई: 
                                        भारतीय हाकी महासंघ ने अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ पर आरोप लगाया है कि उसने भारतीय हाकी परिसंघ को कारण बताओ नोटिस दिए बगैर हाकी इंडिया को गुपचुप तरीके से मान्यता दी है।  एफआईएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे को लिखे पत्र में आईएचएफ सचिव अशोक माथुर ने दावा किया है कि हाकी इंडिया को मान्यता देने में एफआईएच ने अपने ही नियमों का उल्लंघन किया है। यह पत्र एफआईएच अध्यक्ष के नौ मार्च के उस पत्र के जवाब में लिखा गया है जिसमें शीर्ष संगठन ने आईएचएफ को ताकीद की थी कि वह एफआईएच से मान्यता मिलने का दावा हरगिज ना करे।  आईएचएफ ने 12 मार्च को लिखे पत्र में कहा, हाकी इंडिया का गठन मई 2009 में हुआ और उसे किसी भी सूरत में नवंबर 2008 में भारतीय ओलंपिक संघ से कानूनन स्वीकृति मिलना मुनासिब नहीं था जैसा कि एफआईएच के नियमों के तहत जरूरी है क्योंकि हाकी इंडिया तीन साल पहले अस्तित्व में ही नहीं था। आईएचएफ ने इस पर भी सफाई मांगी है कि एफआईएच ने हाकी इंडिया के गठन के लिये आईओए से सीधे करार कैसे कर लिया।  उसने हाकी इंडिया को मान्यता देने संबंधी एफआईएच के पत्र के भी आधार और वैधता पर सवाल उठाये हैं। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि आईएचसी :भारतीय हाकी परिसंघ: को एफआईएच का सदस्य माना जायेगा और एफआईएच हाकी इंडिया को औपचारिक मान्यता देता है।  आईएचएफ ने दावा किया कि महिला और पुरूष हाकी महासंघ को मिलाकर बनाया गया आईएचसी ही एफआईएच का मूल सदस्य था जिसकी मान्यता कभी खारिज नहीं की गई बल्कि हाकी इंडिया को विकल्प बना दिया गया। आईएचएफ ने एफआईएच से उसकी मान्यता हासिल करने के लिये दिये गए हाकी इंडिया के आवेदन, आईओए द्वारा उसे मंजूरी देने और उसकी पुष्टि करने के पत्र की प्रति की मांग की है। पत्र में कहा गया, एफआईएच संविधान की धारा 6.7 के तहत सदस्यता का स्थानांतरण करने से पहले मौजूदा सदस्य को लिखित में जानकारी देना जरूरी है। आईएचएफ ने पत्र में कहा, एफआईएच ने आईएचएफ और इसमें शामिल सदस्यों को कोई नोटिस जारी नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि एफआईएच ने अपने ही संविधान का उल्लंघन किया है।                                                                                
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                