सोशल मीडिया के इस दौर में फोन ही लोगों का साथी बन चुका है, एक बार कोई सोशल मीडिया ऐप खोलने के बाद लोग घंटों तक उसे स्क्रॉल करते रहते हैं और उन्हें वक्त का भी पता नहीं चलता है. इंस्टाग्राम पर रील देखने की लत भी ऐसी ही है, भारत में तमाम तरह के कंटेंट क्रिएटर्स हैं, जो रोजाना अलग-अलग चीजों को लेकर रील बनाते हैं. इनमें से कुछ रील ऐसी होती हैं, जिनमें कभी कोई किसी डॉक्टर की तरह बीमारियों का इलाज बताने लगता है तो कोई कानूनी ज्ञान की झड़ी लगा देता है. इनमें से काफी जानकारी गलत और भ्रामक भी होती है, लेकिन करोड़ों लोगों तक ये रील पहुंच जाती है. इसी को देखते हुए अब चीन ने एक नियम बनाया है, जिसमें रील बनाने के लिए डिग्री की जरूरत होगी.
विषय का ज्ञान होना जरूरी
दरअसल चीन सरकार की तरफ से भ्रामक जानकारियों को रोकने और लोगों को इससे बचाने के लिए एक खास नियम लाया जा रहा है, जिसमें किसी भी विषय का ज्ञान देने या फिर उस पर बात करने के लिए उस विषय की अच्छी जानकारी और डिग्री होना जरूरी है. यानी अगर कोई हेल्थ या मेडिकल से जुड़ी रील बनाता है तो इसके लिए उसके पास मान्य डिग्री या फिर योग्यता होनी जरूरी है. इसी तरह शिक्षा, कानून और फाइनेंस जैसे गंभीर मुद्दों पर भी हर कोई वीडियो पोस्ट नहीं कर पाएगा.
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दी जिम्मेदारी
चीन में चलने वाले तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, वो पहले ये वेरिफाई करेंगे कि कोई कानूनी सलाह या फिर चिकित्सा सलाह दे रहा है तो उसके पास इस विषय की डिग्री या फिर पढ़ाई है या नहीं. ऐसा नहीं होने पर वीडियो अपलोड नहीं होगा.
क्यों लिया गया फैसला?
चीन सरकार की तरफ से फेक न्यूज और गलत जानकारी को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसी रील या वीडियो से लोगों को गुमराह किया जाता है, इसीलिए इन पर रोक लगाना जरूरी है. हालांकि चीन में लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे आम लोगों पर सेंसरशिप की तरह देखा जा रहा है.
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