नई दिल्ली:
भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित कफ सीरप से गांबिया में कथित रूप से बच्चों की मौत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलर्ट के बाद सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कफ सीरप के नमूने भारत के औषधि महानियंत्रक डीसीजीआई को जांच के लिए भेजे गए हैं और इसके नतीजों से आगे की कार्रवाई में मदद मिलेगी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
WHO ने चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड' द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित' और ‘कम गुणवत्ता' वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं.
डीसीजीआई ने इस संबंध में पहले ही जांच शुरू कर दी है और डब्ल्यूएचओ से विस्तृत ब्योरा मांगा है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कंपनी द्वारा निर्मित चार तरह के कफ सीरप के नमूनों को जांच के लिए कोलकाता स्थिति केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) में भेजा गया है.
विज ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘नमूनों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एकत्र किया और इसे कोलकता स्थित सीडीएल को भेजा गया है.''
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मौत के सटीक कारण डब्ल्यूएचओ द्वारा ना तो उपलब्ध कराये गये हैं और ना ही दवा और इसके लेबल का ब्योरा केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ साझा किया गया है. ताकि उत्पादन के स्रोत की पुष्टि हो सके.
WHO द्वारा प्राप्त अस्थायी परिणामों के अनुसार, जिन 23 नमूनों का परीक्षण किया गया था, उनमें से चार नमूनों में डायथिलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)