राजस्थान सरकार ने राज्य में राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 लागू कर दिया है. इसके तहत महामारी कानून के नियमों की पालन नहीं करने वालों को दो साल तक की कैद और 10,000 रुपये जुर्माना की सजा का प्रावधान है. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 'राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020' पर एक मई को हस्ताक्षर किया, जिसमें महामारी को रोकने के लिए सख्त कानूनी सजा का प्रावधान है. कानून का उल्लघंन करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना, दो साल की सजा या फिर दोनों एक साथ देने का प्रावधान है. अध्यादेश राज्य सरकार को आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं जैसे बैंक, मीडिया, स्वास्थ्य सेवाएं, खाद्य आपूर्ति, बिजली पानी की सेवाओं की अवधि को प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है.
यह अध्यादेश सरकार को अब किसी भी प्रथा या कृत्य के तहत भीड़ एकत्र होने से रोकने, व्यक्ति को पृथक-वास में भेजने, राज्य की सीमाओं को सील करने, सार्वजनिक परिवहन माध्यमों को नियमित करने, सामाजिक दूरी बनाने, धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ एकत्र होने से रोकने, सरकारी एवं निजी कार्यस्थल पर काम करने वालों को प्रतिबंधित करना, दुकानों एवं व्यवसायिक कार्यालयों को खेलने व बंद करने, आवश्यक सेवाओं में मीडिया व स्वास्थ्य सहित अन्य को लेकर कार्रवाई करने का अधिकार देती है.
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नए अध्यादेश के जरिये हवाई, रेल, सड़क या किसी अन्य माध्यम से राज्य में आने वाले व्यक्तियों का निरीक्षण, किसी भी ऐसी बीमारी से संक्रमित होने के संदेह वाले लोगों के घर का अधिकृत अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने का भी अधिकार सरकार को दिया गया है. अध्यादेश आने के साथ ही इसके साथ ही राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम, 1957 समाप्त हो गया.
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