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This Article is From Jul 08, 2023

बारिश के चलते ढहा मकान, मलबे में दबी दो सगी बहनों में से एक की मौत 

सरपंच अनवर अजान ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद गांव के लोग मौके पर एकत्रित हो गए. मकान के मलबे में से एक लड़की को बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी बहन की सिर में लगी चोट के कारण मौत हो गई  थी.

बारिश के चलते ढहा मकान, मलबे में दबी दो सगी बहनों में से एक की मौत 
मकान ढहने से 19 साल की नजराना की मौत हो गई.
अलवर:

अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के समीपवर्ती नसवारी गांव में बारिश के चलते एक मकान ढह गया,  जिससे मकान के भीतर सो रही दो लड़कियां मकान के मलबे में दब गई. इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत पूरा गांव इकट्ठा हो गया. स्‍थानीय लोगों ने जेसीबी की सहायता से मलबे को हटाया और घायल अवस्‍था में एक लड़की को निकाला. वहीं दूसरी लड़की को करीब एक घंटे बाद निकाला जा सका, तब तक सिर में लगी चोट के कारण उसकी मौत हो गई थी. मृतक नजराना 19 साल की थी. 

सरपंच अनवर अजान ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद गांव के लोग मौके पर एकत्रित हो गए. मकान के मलबे में दबी दो लड़कियों में से एक की आवाज आ रही थी, जिसके बाद लोगों ने आधे घंटे में ही एक लड़की को बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी बहन करीब एक घंटे के बाद ही मिली. उस वक्‍त तक लड़की की सिर में लगी चोट के कारण मौत हो गई  थी. पीड़ित साहुन खान के परिवार में उनकी पत्‍नी के अलावा पांच लड़कियां और दो लड़के हैं, जिनमें से बड़ी लड़की नजराना की मौत हो गई. 

सरपंच अनवर अजान ने बताया कि साहुन खान पुत्र हमीद खान का मकान बीती रात करीब 12 बजे बारिश में गिर गया. मकान में सो रही दो लड़कियां मकान के अंदर दब गई, जिनमें से एक 15 साल की मुस्कान को जिंदा बाहर निकाल लिया गया, जबकि 19 साल की उसकी बहन नजराना की मौत हो गई. उन्‍होंने बताया कि रात को पूरे गांव ने मकान के मलबे को जेसीबी की सहायता से हटाया और लड़कियों को बाहर निकाला. मृतक लड़की का पोस्‍टमार्टम कराया गया. उन्‍होंने बताया कि मकान के अंदर छह बकरियां भी जिंदा दब गई. 

मकान गिरने से साहुन खान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. घटना की सूचना मिलते ही गोविंदगढ़ पटवारी मौके पर पहुंचे और पीड़ित के नुकसान का मौका पर्चा तैयार किया गया. वहीं उपखंड अधिकारी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी.  

पीड़ित के पास अब रहने के लिए मकान नहीं
सरपंच अनवर अजान ने बताया कि अब पीड़ित साहुन खान के पास रहने को कोई मकान नहीं है. यही एक पुराना मकान था, जो अब बारिश में गिर गया. रहने के नाम पर साहुन के पास अब केवल दो दुकाने हैं. उन्‍होंने कहा कि प्रशासन से पीड़ित को मुआवजा दिलवाएंगे. 

'मैं तो जिंदा बच गई लेकिन...' 
वहीं घटना में घायल मुस्कान ने कहा कि मैं रात को खाना खाने के बाद नजराना के साथ एक ही खाट पर सोई हुई थी. रात को लगातार बारिश आ रही थी और हम छत के ऊपर बने चौबारे में सो रहे थे. रात में मकान गिर गया और हम उसमें दब गए. मैं तो जिंदा बच गई लेकिन नजराना नहीं रही, इस बात का बहुत दुख है. घटना के वक्त बाकी परिवार घर के पास में बनी दुकानों में सो रहा था. 

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