आम आदमी पार्टी (AAP)सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है.सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी की रणनीति के मुताबिक, चुनाव की घोषणा होने के बाद भगवंत मान की मुख्यमंत्री उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा की जाएगी.चूंकि पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कोरोना संक्रमित हैं, जिसके चलते औपचारिक घोषणा में कुछ दिन की देरी संभव है. लेकिन यह जानना और समझना भी जरूरी है कि आखिर भगवंत मान को ही पार्टी इस बेहद अहम पद के लिए सबसे उपयुक्त क्यों मान रही है या फिर भगवंत मान क्यों बन सकते हैं AAP के CM उम्मीदवार...
केजरीवाल के करीबी
भगवंत मान पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं.मान 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़े और संगरूर से लोकसभा चुनाव जीते. 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 4 लोकसभा सीट जीती जो सभी पंजाब से थीं.आगे चलकर 4 में से दो सांसद मनमुटाव के चलते पार्टी से अलग हो गए लेकिन भगवंत मान के बारे में कभी ऐसी कोई खबर नहीं आई. 2017 में पंजाब में विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद आम आदमी पार्टी में बहुत उथल-पुथल हुई. बहुत से लोगों ने पार्टी छोड़ी लेकिन भगवंत मान हमेशा केजरीवाल के साथ बने रहे
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2022 के विधानसभा चुनावों के लिए भी केजरीवाल ने मान को बिल्कुल अपने साथ रखा और हर मंच पर दोनों साथ ही दिखाई दिए.सबसे खास तस्वीर तब नजर आई जब पटियाला में हो रही शांति यात्रा के दौरान पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ता और समर्थक, केजरीवाल के आगे-पीछे कुछ दूरी बनाकर चल रहे थे लेकिन केवल मान ही थे जो केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे
यही नहीं, यात्रा पूरी होने के बाद जब केजरीवाल ट्रक पर भाषण देने के लिए चढ़े तो उनके साथ बाकी और कोई नेता नहीं था केवल भगवंत मान थे.केजरीवाल के अलावा अगर किसी ने पटियाला की शांति यात्रा में भाषण दिया तो वह मान थेजबकि इससे पहले होता यह रहा था कि जब भी केजरीवाल पंजाब में कहीं कोई प्रचार का कार्यक्रम करते थे तो पंजाब आम आदमी पार्टी की टॉप लीडरशिप, प्रभारी और सह प्रभारी समेत तमाम नेता उनके इर्द-गिर्द होते थे.
सकारात्मक और आक्रामक प्रचार
आम आदमी पार्टी इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बेहद आक्रामक प्रचार कर रही है. इस आक्रामक प्रचार में आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष मान सकारात्मक प्रचार पर फोकस कर रहे हैं.सकारात्मक प्रचार यानी AAP ने अभी तक दिल्ली में गवर्नेंस का क्या मॉडल दिया है और कैसे वहां पर आम लोगों को राहत देने के लिए मुफ़्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं देने का काम किया है और पंजाब में सरकार बनने पर किस तरह से उस मॉडल को यहां पर लागू करेंगे, इस पर ज़्यादा बात कर रहे हैं.भगवंत मान 'केजरीवाल की गारंटी' यानी आम आदमी पार्टी के बड़े चुनावी वादे अपने भाषण के ज़रिए लोगों को बताते हैं.
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जब केजरीवाल पंजाब के दौरे पर होते हैं तो जो बात वे हिंदी में बोलते हैं लगभग उन्हीं बातों को भगवंत मान पंजाबी भाषा में लोगों को उन्हीं के अंदाज़ में समझाते हैं. कुल मिलाकर मान का पंजाब में चुनाव प्रचार बिल्कुल उसी तर्ज पर नजर आता है जैसा दिल्ली में केजरीवाल करते दिखते हैं जबकि पहले भगवंत मान अपने भाषण में और प्रचार में विरोधियों पर हमले या कटाक्ष ज्यादा किया करते थे. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि मान इस बार अपने विरोधियों या विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष या हमले नहीं कर रहे लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार विपक्षी या विरोधी पर कटाक्ष या हमले बहुत कम हैं और इस पर फोकस ज्यादा है कि अगर आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनी तो पंजाब के लोगों को क्या मिलेगा
मान का नया अंदाज़
भगवंत मान को लगातार ट्रैक और फॉलो करने वाले लोग इस बार उनमें पहले से ज्यादा परिपक्वता देख रहे हैं.मान ने अपने लुक्स पर काफ़ी काम किया है. जिसके चलते पिछले चुनाव तक वे युवा या राजनीति में जहां नौसिखिया नज़र आते थे वहीं अब एक युवा होने के साथ उनमें परिपक्वता भी नजर आती है.
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