प्रतीकात्मक चित्र
मुंबई:
पुणे में एक दलित लड़के को जिंदा जलाने के मुद्दे ने मजहबी और सियासी रंग ले लिया है। झगड़ा बैटरी चुराने के आरोप से शुरू हुआ था, लेकिन एक वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने मजहबी रंग ले लिया, जिसमें पीड़ित कथित तौर पर यह कहते हुए दिख रहा है कि आरोपियों ने पहले उससे उसका मजहब पूछा और फिर उसे जला दिया।
मामला 13 जनवरी का है, जब मृतक सावन राठौड़ पर पुणे के कजबापेठ इलाके में तीन लोगों ने हमला किया। सावन कचड़ा बीनता था, लेकिन आरोपियों ने उस पर कार की बैटरी चोरी करने का आरोप लगाया, फिर उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की और बाद में उसे आग के हवाले कर दिया। सावन को गंभीर हालत में पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 15 जनवरी को उसकी मौत हो गई।
रिश्तेदार ने लगाए आरोप
सावन के दूर के रिश्तेदार और पेशे से वकील रमेश राठौड़ ने कहा, 'मैं अपने समुदाय के कुछ लोगों के साथ रात 11.30 बजे अस्पताल पहुंचा और उसका आखिरी बयान रिकॉर्ड किया। मैंने पूछा तुम्हारे साथ क्या हुआ उसने कहा कि उससे एक आदमी ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है, उसने अपना नाम बताया, तो उसने कहा तुम हिंदू हो, तब उसने कहा हां, फिर अपने दो साथियों के साथ उसने सावन पर कुछ छिड़का और आग लगा दी।
सावन के समुदाय के लोग इस मामले में पुलिस से खफा हैं। उनका कहना है कि सावन के आखिरी बयान को तीनों गिरफ्तार आरोपियों इमरान, ज़ुबैर तंबोली और इब्राहिम शेख के खिलाफ सबूत माना जाए।
पुलिस ने कहा बैटरी चोरी का है मामला, सबूत मौजूद
इस पर पुलिस का कहना है, 'ये मजहबी हिंसा नहीं है, बल्कि पूरा विवाद सावन के कथित तौर पर बैटरी चुराने के आरोपों से जुड़ा है। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद हम मामले में आगे की जांच कर रहे हैं।'
पुणे में जोन-1 के डीसीपी तुषार जोशी ने कहा, 'हमारे पास सबूत हैं कि पीड़ित को 2-3 जगह ले जाकर इस बात की पुष्टि कराई गई कि वो कार की बैटरी चुराता था, फिर उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर आग के हवाले कर दिया गया। हमारे पास गवाहों के बयान हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं।'
शिवसेना भी कूदी
उधर मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है। शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पुणे में सावन राठौड़ की हत्या हिंदू होने की वजह से की गई। क्या ये असहिष्णुता नहीं है, लेकिन कोई नहीं बोल रहा है। उधर इस मुद्दे पर बंजारा क्रांति दल ने सोमवार को पुणे में प्रदर्शन का ऐलान किया है।
मामला 13 जनवरी का है, जब मृतक सावन राठौड़ पर पुणे के कजबापेठ इलाके में तीन लोगों ने हमला किया। सावन कचड़ा बीनता था, लेकिन आरोपियों ने उस पर कार की बैटरी चोरी करने का आरोप लगाया, फिर उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की और बाद में उसे आग के हवाले कर दिया। सावन को गंभीर हालत में पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 15 जनवरी को उसकी मौत हो गई।
रिश्तेदार ने लगाए आरोप
सावन के दूर के रिश्तेदार और पेशे से वकील रमेश राठौड़ ने कहा, 'मैं अपने समुदाय के कुछ लोगों के साथ रात 11.30 बजे अस्पताल पहुंचा और उसका आखिरी बयान रिकॉर्ड किया। मैंने पूछा तुम्हारे साथ क्या हुआ उसने कहा कि उससे एक आदमी ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है, उसने अपना नाम बताया, तो उसने कहा तुम हिंदू हो, तब उसने कहा हां, फिर अपने दो साथियों के साथ उसने सावन पर कुछ छिड़का और आग लगा दी।
सावन के समुदाय के लोग इस मामले में पुलिस से खफा हैं। उनका कहना है कि सावन के आखिरी बयान को तीनों गिरफ्तार आरोपियों इमरान, ज़ुबैर तंबोली और इब्राहिम शेख के खिलाफ सबूत माना जाए।
पुलिस ने कहा बैटरी चोरी का है मामला, सबूत मौजूद
इस पर पुलिस का कहना है, 'ये मजहबी हिंसा नहीं है, बल्कि पूरा विवाद सावन के कथित तौर पर बैटरी चुराने के आरोपों से जुड़ा है। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद हम मामले में आगे की जांच कर रहे हैं।'
पुणे में जोन-1 के डीसीपी तुषार जोशी ने कहा, 'हमारे पास सबूत हैं कि पीड़ित को 2-3 जगह ले जाकर इस बात की पुष्टि कराई गई कि वो कार की बैटरी चुराता था, फिर उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर आग के हवाले कर दिया गया। हमारे पास गवाहों के बयान हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं।'
शिवसेना भी कूदी
उधर मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है। शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पुणे में सावन राठौड़ की हत्या हिंदू होने की वजह से की गई। क्या ये असहिष्णुता नहीं है, लेकिन कोई नहीं बोल रहा है। उधर इस मुद्दे पर बंजारा क्रांति दल ने सोमवार को पुणे में प्रदर्शन का ऐलान किया है।
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