पुणे में कथित ईवीएम घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
मुंबई:
महाराष्ट्र में हुए हालिया स्थानीय निकायों के चुनाव में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन से राज्यभर में जगह-जगह विपक्ष सड़क पर उतर आया है. विपक्षी दलों ने बीजेपी की जीत को ईवीएम घोटाला करार देते हुए मामले में पुनर्मतदान की मांग की है. मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर पुणे में ईवीएम की अंतिम यात्रा निकाली गई. चुनाव हार चुके उम्मीदवार और उनके समर्थकों ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. शहर के मुख्य इलाके से होकर यह प्रतीकात्मक अंतिम यात्रा शमशान में पहुंची. वहां प्रतीकात्मक ईवीएम का दहन कर अंतिम संस्कार किया गया.
इस आंदोलन में कांग्रेस-एनसीपी के साथ एमएनएस के नेता और कार्यकर्ता शरीक हुए थे. उन्होंने स्थानीय बीजेपी दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और बीजेपी पर ईवीएम में घोटाला कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र की 10 महानगर पालिकाओं और 25 जिला परिषद चुनाव के नतीजे 23 फरवरी को घोषित हुए. यह नतीजे चौंकाने वाले रहे. बीजेपी ने अपने दम पर 6 महानगर पालिकाएं जीत लीं तो बाकी में बेहतरीन प्रदर्शन किया. जिला परिषद में भी बीजेपी सदस्यों की संख्या अव्वल रही. नतीजों की सबसे खास बात यह रही कि, पुणे और पिम्परी - चिंचवड की एनसीपी का गढ़ माने जाने वाली महानगर पालिकाओं में बीजेपी ने बाजी मार ली. विपक्ष द्वारा ईवीएम घोटाले का आरोप प्रमुखता से लगाया जा रहा है और राज्यभर में इस मुद्दे पर जगह-जगह आंदोलन हो रहे हैं. 
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि, ईवीएम प्रणाली को दुनिया के प्रगत देशों ने नकार दिया है. ऐसे में अगर भारत का जनमत उसके खिलाफ जा रहा है तो ईवीएम के इस्तेमाल पर पुनर्विचार होना चाहिए.
उधर महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भंडारी का कहना है कि, ईवीएम में घोटाले का आरोप वे लगा रहे हैं जो अपनी हार पचा नहीं सकते. एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए भंडारी ने कहा कि वोट डालने से पहले सभी दलों के उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम जांच परखकर सील की जाती हैं और उन्हें खोला भी सार्वजनिक रूप से तभी जाता है जब सभी दलों के उम्मीदवारों के प्रतिनिधि हाजिर हों. ऐसे में एक बार सील हो चुकी ईवीएम से छेड़छाड़ नामुमकिन है.
गौरतलब है कि, 2009 के चुनाव की हार के बाद बीजेपी नेता इसी तर्ज़ पर ईवीएम में स्कैम का आरोप जड़ रहे थे. वे जीत के बाद अब बिलकुल चुप हैं.
इस आंदोलन में कांग्रेस-एनसीपी के साथ एमएनएस के नेता और कार्यकर्ता शरीक हुए थे. उन्होंने स्थानीय बीजेपी दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और बीजेपी पर ईवीएम में घोटाला कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र की 10 महानगर पालिकाओं और 25 जिला परिषद चुनाव के नतीजे 23 फरवरी को घोषित हुए. यह नतीजे चौंकाने वाले रहे. बीजेपी ने अपने दम पर 6 महानगर पालिकाएं जीत लीं तो बाकी में बेहतरीन प्रदर्शन किया. जिला परिषद में भी बीजेपी सदस्यों की संख्या अव्वल रही. नतीजों की सबसे खास बात यह रही कि, पुणे और पिम्परी - चिंचवड की एनसीपी का गढ़ माने जाने वाली महानगर पालिकाओं में बीजेपी ने बाजी मार ली. विपक्ष द्वारा ईवीएम घोटाले का आरोप प्रमुखता से लगाया जा रहा है और राज्यभर में इस मुद्दे पर जगह-जगह आंदोलन हो रहे हैं.

एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि, ईवीएम प्रणाली को दुनिया के प्रगत देशों ने नकार दिया है. ऐसे में अगर भारत का जनमत उसके खिलाफ जा रहा है तो ईवीएम के इस्तेमाल पर पुनर्विचार होना चाहिए.
उधर महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भंडारी का कहना है कि, ईवीएम में घोटाले का आरोप वे लगा रहे हैं जो अपनी हार पचा नहीं सकते. एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए भंडारी ने कहा कि वोट डालने से पहले सभी दलों के उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम जांच परखकर सील की जाती हैं और उन्हें खोला भी सार्वजनिक रूप से तभी जाता है जब सभी दलों के उम्मीदवारों के प्रतिनिधि हाजिर हों. ऐसे में एक बार सील हो चुकी ईवीएम से छेड़छाड़ नामुमकिन है.
गौरतलब है कि, 2009 के चुनाव की हार के बाद बीजेपी नेता इसी तर्ज़ पर ईवीएम में स्कैम का आरोप जड़ रहे थे. वे जीत के बाद अब बिलकुल चुप हैं.
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