ओलंपिक फाइनल से अयोग्य करार दिये जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की खेल पंचाट (कैस) के तदर्थ प्रभाग में अपील की सुनवाई पूरी हो गई और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा कि उसे सकारात्मक समाधान की उम्मीद है. खेलों के दौरान विवाद समाधान के लिए विशेष रूप से स्थापित कैस के तदर्थ प्रभाग ने विनेश की अपील स्वीकार ली. विनेश ने स्वर्ण विजेता सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराकर बाहर किए जाने के खिलाफ अपील की थी. बता दें, इस सुनवाई के दौरान विनेश ऑनलाइन मौजूद रहीं थीं.
IOA को सकारात्मक समाधान की उम्मीद
आईओए ने एक बयान में कहा,"भारतीय ओलंपिक संघ को उम्मीद है कि पहलवान विनेश फोगाट द्वारा खेल पंचाट (कैस) के तदर्थ प्रभाग के समक्ष उनके वजन में विफलता के खिलाफ दायर आवेदन का सकारात्मक समाधान होगा." विनेश की जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज उतरीं, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं.
भारतीय पहलवान ने अपनी अपील में लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिये जाने की मांग की है क्योंकि मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था. विनेश का पक्ष जाने माने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने रखा.
सिंघानिया ने एनडीटीवी से कहा कि उन्हें सकारात्मक नतीजे का भरोसा है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया, "हम आईओए के वकील थे. हरीश साल्वे बहस का नेतृत्व कर रहे थे और मैं उनकी सहायता कर रहा था. बड़े पैमाने पर सभी की दलीलें सुनी गईं." सिंघानिया ने आगे कहा,"सीएएस मध्यस्थ ने कहा कि मैं जल्द ही परिचालन नियमों का आदेश दूंगा. विस्तृत तर्क बाद में जारी किया जाएगा. सुनवाई अच्छी रही. विनेश के वकील का मूल अनुरोध यह था कि उन्हें रजत पदक दिया जाना चाहिए."
तीन घंटे तक चली सुनवाई
आईओए ने कहा,"चूंकि मामला अभी विचाराधीन है तो आईओए इतना ही कह सकता है कि एकमात्र पंच डॉक्टर अनाबेल बेनेट एसी एसी ( आस्ट्रेलिया ) ने सभी पक्षों विनेश फोगाट, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग , अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और आईओए की बात करीब तीन घंटे तक सुनी."
सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई से पहले अपना विस्तृत कानूनी हलफनामा जमा करने का मौका दिया गया था. उसके बाद मौखिक बहस हुई. आईओए ने कहा,"एकमात्र पंच ने संकेत दिया कि आदेश का कार्यकारी हिस्सा जल्दी ही आयेगा जबकि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जायेगा."
आईओए अध्यक्ष पी टी उषा ने सुनवाई के दौरान सहयोग और दलीलों के लिये साल्वे, सिंघानिया और क्रीडा कानूनी टीम को धन्यवाद दिया. उषा ने कहा,"आईओए मानता है कि विनेश का साथ देना उसका फर्ज है और मामले का नतीजा चाहे जो हो, हम उसके साथ खड़े हैं. हमें उसकी उपलब्धियों पर गर्व है." इससे पहले तदर्थ विभाग ने कहा था कि फैसला रविवार को पेरिस ओलंपिक के समापन से पहले आ सकता है.
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