हरियाणा विधानसभा के चुनाव में इस बार भी कुछ खिलाड़ी अपनी राजनीति किस्मत आजमा रहे हैं.इनमें ओलंपियन से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ी शामिल हैं.राजनीतिक दलों ने चार खिलाड़ियों पर दांव खेला है. ऐसा पहली बार नहीं है कि हरियाणा के राजनीतिक मैदान में खिलाड़ी उतरे हैं.साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त समेत कई खिलाड़ी चुनाव मैदान में थे.आइए देखते हैं कि 2024 के चुनाव में कौन सा खिलाड़ी किस सीट से किस्मत आजमा रहा है.
जुलाना में पहलवान बनाम पहलवान
हरियाणा के चुनाव में इस बार सबसे अधिक नजर जिस सीट पर रहेगी, वो है जिंद जिले की जुलाना सीट. इसकी वजह यह है कि यहां से पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहलवान विनेश फोगाट चुनाव मैदान में हैं. उन्हें कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है.उनकी ससुराल इसी इलाके में है. कांग्रेस उनकी लोकप्रियता और जुलाना की बहू होने की वजह से उनकी जीत को लेकर आश्वस्त है.100 ग्राम अधिक वजन होने की वजह से उन्हें फाइनल में लड़ने नहीं दिया गया था. इसको लेकर उनके प्रति देशभर में सहानुभूति थी. पेरिस ओलंपिक से पहले ही विनेश कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं. वो एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं.विनेश को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है.
विनेश का जुलाना में मुकाबला भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्लयूई रेसलर कविता दलाल और एअर इंडिया के पूर्व कैप्टन योगेश बैरागी से है.वहीं निवर्तमान विधायक अमरजीत सिंह ढांडा को जननायक जनता पार्टी ने मैदान में उतारा है.
कविता जिंद की ही रहने वाली हैं.कविता ने 2016 में 12वें एशियन गेम्स में वेट लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीता था.इसके बाद वो द ग्रेट खली के कॉन्टिंनेंटल रेस्लिंग एंटरटेनमेंट से जुड़कर पेशेवर कुश्ती में आईं.यहां उन्होंने सलवार कुर्ता पहनकर रिंग में उतरीं. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली.वो पार्टी की खेल विभाग की हरियाणा इकाई की प्रमुख हैं. जुलाना में कविता के उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है.
कबड्डी के कोर्ट से राजनीति के मैदान में
बीजेपी ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक राम निवास हुड्डा को महम से टिकट दिया है.रोहतक में 10 अप्रैल 1994 को एक किसान परिवार में पैदा हुए दीपक ने छोटी उम्र में ही कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था. डुबकी किंग के नाम से भी मशहूर हैं. दीपक 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने प्रो कबड्डी लीग के सभी सीजन में भी हिस्सा लिया है.
दीपक की शादी एशियन मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता स्वीटी बूरा से हुई है. इसके बाद दोनों बीजेपी शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें महम से टिकट दिया है. महम में ही आने वाले निंदाना गांव में उनकी ननिहाल है.महम में उनका मुकाबला कांग्रेस के बलराम दांगी से है.
पिता की विरासत संभालने शूटर बेटी आई मैदान में
बीजेपी ने अलेटी विधानसभा सीट से अंतरराष्ट्रीय शूटर आरती राव को मैदान में उतारा है. वो बीजेपी और कांग्रेस से छह बार सांसद और चार बार विधायक रह चुके अहीरवाल के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं.राव इंद्रजीत सिंह नरेंद्र मोदी की तीनों सरकारों में मंत्री रहे हैं. उन्होंने चार एशियाई चैंपियनशिप पदक जीते हैं. वो हरियाणा पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं.उन्होंने 2017 में खेलों से संन्यास ले लिया था. आरती खेलों से संन्यास लेने के बाद राजनीति में सक्रिय हो गई थी. उन्होंने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार भी किया. माना जा रहा है कि आरती ही राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक विरासत संभालेंगी.
अटेली में आरती राव का मुकाबला कांग्रेस की अनिता यादव और निर्दलीय संतोष यादव से होगा.आम आदमी पार्टी के सुनील राव मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाएंगे.संतोष टिकट ने मिलने से नाराज होकर बीजेपी छोड़कर निर्दलीय मैदान में कूद गई हैं. वो 2014 में विधायक चुनी गई थीं.बीजेपी में वो प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर थीं. वो डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं.
हरियाणा की राजनीति में खिलाड़ी
हरियाणा के खिलाड़ियों का राजनीति के मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन खिलाड़ियों को पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को मैदान में उतारा था. लेकिन जीत केवल संदीप सिंह को ही मिली थी. उन्होंने पिहोवा सीट से जीत दर्ज की थी. बबीता फोगाट चरखी दादरी और योगेश्वर दत्त बरोदा सीट से उम्मीदवार बनाए गए थे. लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा था. योगेश्वर को तो बरोदा उपचुनाव का टिकट मिला था. लेकिन उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल ने पटखनी दी थी.
जीतने के बाद संदीप सिंह को मनोहर सिंह खट्टर सरकार में खेल मंत्री बनाया गया था. उन पर एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है. बीजेपी ने पिहोवा से पहले सरदार कमलजीत सिंह अजराना को टिकट दिया था. लेकिन कार्यकर्ताओं के विरोध की वजह से उन्होंने टिकट वापस कर दी थी. वहां से बीजेपी ने अब जय भगवान शर्मा को मैदान में उतारा है
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