भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि हॉकी के गोलकीपर पीआर श्रीजेश और पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर को पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में संयुक्त ध्वजवाहक के रूप में नामित किया गया है. आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि श्रीजेश आईओए नेतृत्व और पूरे भारतीय दल के बीच लोकप्रिय पसंद थे. उन्होंने कहा,"श्रीजेश ने दो दशकों से अधिक समय से विशेष रूप से भारतीय हॉकी और भारतीय खेल की सेवा की है."
नीरज को मिला सिल्वर
पेरिस ओलंपिक 2024 में जैवलिन थ्रो का फाइनल बेहद रोमांचक रहा. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि सीजन के अपने बेस्ट थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा को गुरुवार रात रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. नीरज चोपड़ा जो क्वालीफाइंग में 89.34 मीटर के शानदार प्रयास के साथ फाइनल में स्वर्ण के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिला.
पदक मुकाबले में नीरज ने 89.45 मीटर जैवलिन फेंका, लेकिन यह मौजूदा विश्व चैंपियन और डायमंड लीग फाइनल विजेता के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीतकर उन्हें पछाड़ दिया. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया. पहले माना जा रहा था कि मनु भाकर के साथ नीरज भारत के ध्वजवाहक हो सकते हैं.
पीटी उषा ने नीरज चोपड़ा से की बात
पीटी उषा ने कहा कि उन्होंने भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से बात की, जिन्होंने गुरुवार को रजत पदक जीतकर लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीता. उन्होंने कहा,"मैंने नीरज चोपड़ा से बात की और पूरी सहजता के साथ श्रीजेश को समापन समारोह में ध्वजवाहक बनाए जाने पर सहमति जताई, और इस फैसले की सराहना की." पीटी उषा ने आगे कहा,"नीरज ने मुझसे कहा, 'मैम, अगर आपने मुझसे नहीं पूछा होता तो भी मैं श्रीजेश का नाम सुझाता.' यह नीरज के श्रीजेश और उनके भारतीय खेल में योगदान के प्रति अपार सम्मान को दर्शाता है."
मनु ने दो सिल्वर जीतकर रचा इतिहास
आईओए ने इससे पहले मनु भाकर को महिला ध्वजवाहक के रूप में नामित किया था. मनु भाकर भारत की स्वतंत्रता के बाद से एक ही ओलंपिक खेलों में एक से ज्यादा पदक जीतने वाली पहली एथलीट बनी थीं.
मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा और मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल (सरबजोत सिंह के साथ) में कांस्य पदक जीते थे. वहीं मनु भाकर ओलंपिक में 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का कांस्य पदक जीतने से चूक गईं थीं.
पीआर श्रीजेश बने दीवार
वहीं भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को रोमांचक मुकाबले में 2-1 से हराकर जीत के साथ ओलंपिक में लगातार दूसरा कांस्य पदक अपने नाम किया. बीते 52 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब हॉकी टीम ने ओलंपिक में लगातार दो बाक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं. बता दें, भारत ने टोक्यो में भी कांस्य पदक जीता था. भारत की इस जीत में गोलकीपर पीआर श्रीजेश का अहम योगदान रहा, जो भारत के हर मैच में गोलपोस्ट के सामने किसी दीवार की तरह डटे रहे और उन्होंने विरोधी टीम को गोल नहीं करने दिया.
श्रीजेश ने क्वार्टर फाइनल में शूटआउट में ब्रिटेन को गोल नहीं करने दिए थे और भारत को जीत दिलाई थी. जबकि ब्रॉन्ज मेडल मैच में उन्होंने स्पेन को गोल नहीं करने दिए. बता दें, 36 साल के पीआर श्रीजेश, जिन्होंने चार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि इस ओलंपिक के बाद वो संन्यास से लेंगे.
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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