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This Article is From Aug 01, 2021

Tokyo Olympics: दर्द के बाद भी रिंग में उतरे सतीश कुमार, हार के भी जीता दिल, लोगों ने कहा- सलाम है आपको...

Tokyo Olympics: सतीश कुमार (Satish Kumar) +91kg सुपर हैवीवेट केटेगरी में अपने क्वार्टरफाइनल मैच में हार का समना करना पड़ा है. सतीश को उजबेकिस्तान के बॉक्सर बखोदिर जालोलोव से 5-0 से हार का सामना करना पड़ा है.

Tokyo Olympics: दर्द के बाद भी रिंग में उतरे सतीश कुमार, हार के भी जीता दिल, लोगों ने कहा- सलाम है आपको...
हार के बाद भी सतीश कुमार ने जीता दिल

Tokyo Olympics: सतीश कुमार (Satish Kumar) +91kg सुपर हैवीवेट केटेगरी में अपने क्वार्टरफाइनल मैच में हार का समना करना पड़ा है. सतीश को उजबेकिस्तान के बॉक्सर बखोदिर जालोलोव से 5-0 से हार का सामना करना पड़ा है. शुरूआती राउंड में सतीश ने हिम्मत दिखाते हुए आक्रमक अंदाज में पंच लगाना शुरू किया लेकिन समय के साथ उनके हौसले उस समय पस्त हो गए जब उनके पुराने चोट ने असर दिखाना शुरू कर दिया. बता दें कि इस मुकाबले से पहले सतीश कुमार चोटिल थे, लेकिन इसके बाद भी वो देश को मेडल दिलाने के लिए रिंग पर उतरे, पहले राउंड में सतीश ने आक्रमकता दिखाई लेकिन समय गुजरने के बाद उनके ऊपर थकान स्पष्ट दिखाई देने लगा, ऐसे में विरोधी बॉक्सर ने रणनीति के साथ भारतीय बॉक्सर पर पंच लगाने की शुरूआत करते दिखे.

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पहले दोनों राउंड में उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव ने सतीश कुमार पर बढ़त बनाई और तीसरे राउंड में समय को गुजरने का इंतजार भी करते दिखे, इस तरह से सतीश का सफर टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में जरूर समाप्त हो गया लेकिन दिल जरूर जीत लिया है.

भले ही क्वार्टर फाइनल में सतीश कुमार को हार मिली है लेकिन उन्होंने अपने परफॉर्मेंस से सभी का दिल जीत लिया है. फैन्स सोशल मीडिया पर ट्वीट कर सतीश के जज्बे को सलाम कर रहे हैं. लोगों ने ये भी अपनी ट्वीट में लिखा है कि, आपने देश का मान बढ़ाया है.  

बता दें कि फाइट के दौरान एक बार विरोधी बॉक्सर का पंच उनके चेहरे पर भी लगा, जहां उनको पहले से ही चोट थी, तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे. फुटबॉलर से मुक्केबाज बने जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की. सतीश सुपर हैवीवेट में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे. वहीं जालोलोव तीन बार के एशियाई चैम्पियन भी हैं.

इसके बाद भी उन्होंने रिंग में रहना स्वीकार किया और अंत तक विरोधी बॉक्सर का पंत के खिलाफ डिफेंस करते दिखे, सतीश कुमार की ऐसी खेल भावना ने उन्हें स्टार बना दिया है. उनके जज्बे को लेकर सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है.  

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भारतीय उम्‍मीदों को बड़ा झटका जरूर लगा है लेकिन बॉ़क्सिंग में लवलीना का सेमीफाइनल मुकाबला होना बाकी है. देखना दिलचस्प होगा कि लवलीना अपने मेडल का रंग बदल पाती हैं या नहीं.

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