हांगझोउ: भारतीय टेनिस के लिए वीरवार का दिन अच्छा साबित हुआ जिसमें रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी ने एशियाई खेलों की पुरुष युगल वर्ग के स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश कर लिया जबकि रोहन बोपन्ना और रूतुजा भोसले की मिश्रित जोड़ी ने भी सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक पक्का कर लिया. माइनेनी और रामकुमार की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने सेमीफाइनल में कोरिया के सियोंगचान होंग और सूनवू क्वोन की जोड़ी को 6-1, 6-7, 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बनाई. अब भारतीय टीम का सामना शुक्रवार को फाइनल में चीनी ताइपै की जोड़ी से होगा जिसने थाईलैंड को हराया .
माइनेनी का यह दूसरा एशियाड पदक होगा. उन्होंने 2014 में सानिया मिर्जा के साथ मिलकर मिश्रित युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था. वहीं, रामकुमार के लिए यह पहला एशियाड पदक होगा. माइनेनी ने सेमीफाइनल में मिली जीत के बाद मीडिया से बात की जबकि रामकुमार ने मीडिया से दूर रहने का फैसला किया, लेकिन इसके पीछे का कारण अंधविश्वास था.
माइनेनी ने कहा, ‘वह शुरु से ही अंधविश्वासी रहा है. पहले दिन मैंने एक पत्रकार से बात की थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. इसलिये हम प्रत्येक दिन यही ‘पैटर्न' रखने की कोशिश कर रहे हैं. भारत ने पिछली बार जकार्ता में भी पुरुष युगल खिताब जीता था, जब रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने फाइनल में जीत दर्ज की थी.
लेकिन बोपन्ना और भोसले ने मिश्रित युगल के क्वार्टरफाइनल में कजाखस्तान के झिबेक कुलाम्बाएवा और ग्रिगोरी लोमाकिन को 7-5, 6-3 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. 43 वर्षीय बोपन्ना अपने अंतिम एशियाई खेलों में हिस्सा ले रहे हैं जिससे वह पदक के बिना नहीं लौटेंगे. इस बार बोपन्ना और युकी भांबरी की जोड़ी पुरुष युगल से पहले ही बाहर हो गई है.