केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने सोमवार को कहा कि मिजोरम से विस्थापित हुए सभी ब्रू परिवारों का त्रिपुरा में पुनर्वास इस साल अगस्त तक पूरा हो जाएगा. इससे पहले यह निर्णय लिया गया था कि आंतरिक रूप से विस्थापित और त्रिपुरा में वर्षों से राहत शिविरों में रह रहे सभी 37,000 ब्रू आदिवासी लोगों का 31 मार्च, 2022 तक राज्य के भीतर स्थायी रूप से पुनर्वास किया जाएगा. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘हमने ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की और ऐसा प्रतीत होता है कि पुनर्वास के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केवल 500 परिवारों को अभी तक जमीन नहीं मिली है और उन सभी को 20 मई तक प्लॉट दिए जाएंगे.''
ब्रू समुदाय के लोगों का पुनर्वास पिछले साल 20 अप्रैल को समुदाय, केंद्र और त्रिपुरा तथा मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधियों के बीच जनवरी 2020 में हस्ताक्षरित एक समझौते के बाद शुरू हुआ था. भौमिक ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास में बाधा उत्पन्न की, अन्यथा यह निर्धारित समय के भीतर पूरा हो गया होता. मंत्री ने कहा, ‘‘हम अगस्त तक पुनर्वास की प्रक्रिया को पूरा करना चाहते हैं.'' वहीं, मुख्य सचिव कुमार आलोक ने कहा कि विस्थापित ब्रू लोगों का पुनर्वास संतोषजनक ढंग से चल रहा है और 'हमें उम्मीद है कि अगस्त 2022 तक सभी विस्थापित ब्रू परिवारों का पुनर्वास हो जाएगा.'
वर्ष 1997 से हजारों ब्रू आदिवासी कंचनपुर और पानीसागर उप-मंडलों में राहत शिविरों में रह रहे हैं. वे जातीय संघर्ष के कारण मिजोरम से त्रिपुरा आ गए थे. जनवरी 2020 के समझौते के अनुसार, प्रत्येक पुनर्वासित ब्रू परिवार को सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये की राशि के साथ घर बनाने के लिए 1200 वर्ग फुट का भूखंड मिलेगा.
यह समझौता प्रत्येक परिवार के लिए चार लाख रुपये की सावधि जमा, 5,000 रुपये की मासिक राशि, दो साल के लिए मुफ्त मासिक राशन और सभी क्लस्टर गांवों में स्कूलों की गारंटी देता है. इसमें कहा गया है कि पुनर्वास पूरा हो जाने के बाद ब्रू परिवार त्रिपुरा के स्थायी निवासी बन जाएंगे और राज्य में मतदान करने के पात्र होंगे.
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