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This Article is From Sep 22, 2016

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे क्यों हैं मौन?

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे क्यों हैं मौन?
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए छिड़ चुका आंदोलन शिवसेना को चुप करा गया है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को इस मामले में अपनी भूमिका सार्वजनिक करना टाल दिया.

उद्धव ठाकरे का ये रुख़ अबतक शिवसेना की भूमिका से बिलकुल विपरीत है. शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे ने हमेशा से जाति आधारित आरक्षण का विरोध किया है. शिवसेना की ये हमेशा मांग रही है कि आरक्षण आर्थिक निकषों के आधार पर ही होना चाहिए, तभी उसका सही लाभ जरुरतमंद वर्ग ले सकेंगे.

लेकिन, बुधवार की प्रेस कांफ्रेस में जब मौजूदा मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर शिवसेना की भूमिका पूछी गयी तब उद्धव ठाकरे सीधे जवाब देना टाल गए. इसके बजाए उन्होंने कहा कि शिवसेना मराठा आरक्षण और एट्रोसिटी कानून में संशोधन को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल के विशेष सत्र की मांग करती है. उस सत्र में पार्टी इन मुद्दों पर अपनी भूमिका रखेगी. उद्धव ठाकरे ने इस समय आर्थिक निष्‍कर्षों पर आरक्षण लागू करने की मांग को नहीं दोहराया.

उद्धव के इस रुख़ को लेकर बताया जा रहा है कि मौजूदा स्थिति में आर्थिक निष्‍कर्षों पर आरक्षण लागू करने की मांग को दोहराना मतलब मराठा आरक्षण का विरोध करना हो सकता है. और जब राज्य में निकाय चुनाव करीब हों तब यह राजनीतिक नुकसान पहुंचानेवाली बात हो सकती है. इसी के चलते उन्होंने मामले पर फिलहाल राय न देना बेहतर समझा होगा.

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