राजनीतिक दलों ने बीएमसी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. गठबंधन में या अकेले चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच मुंबई में सभी राजनीतिक दल सत्ता पक्ष के और विपक्ष के अपनी अपनी बीएमसी चुनाव की तैयारी में जुड़ चुके हैं. शिवसेना ठाकरे गुट ने बीएमसी चुनाव को लेकर रणनीति बनाई. शिवसेना ठाकरे गुट के नए चेहरों को आगामी बीएमसी चुनावों में उम्मीदवारी के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व नगरसेवकों को इस बार चुनाव लड़ने का मौका मिलने की संभावना कम है. हालांकि, आगामी बीएमसी चुनावों में, पूर्व नगरसेवकों के वोटों का सम्मान करते हुए उनके पसंदीदा उम्मीदवार को मैदान में उतारने का विचार है.
सूत्र के अनुसार इससे से पार्टी में नए और पुराने कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाए रखते हुए, ठाकरे सेना में कम से कम 70 प्रतिशत नए चेहरे होंगे. इसके अनुसार, मनसे और शिवसेना, दोनों दलों के नेता और पदाधिकारी रणनीति बना रहे हैं.उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने अभी तक गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों दलों के नेताओं की संयुक्त बैठकें हो चुकी हैं. दोनों पार्टी के नेताओं का बैठकों का दौरा लगातार जारी है. सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि प्रत्येक वार्ड में दोनों दलों की ताकत और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सीटों के आवंटन पर विचार किया गया है.
2017 के बीएमसी चुनावों में शिवसेना ने 84 सीटें जीती थीं. उनमें से कई शिंदे सेना में शामिल हो गए हैं, इसलिए उनकी जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा. 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व नगरसेवकों को इस बार चुनाव लड़ने का अवसर नहीं दिया जाएगा इस बात की पुष्टि सूत्रों के हवाले से हुई है. हालांकि सूत्र बताते हैं उनके वार्डों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय उनके अनुभव, पार्टी में योगदान और उनकी राय को भी ध्यान में रखा जाएगा.
शिवसेना ठाकरे गुट कि रणनीति कितनी कारगर साबित होती है. क्या इससे बगावत होगी? या फिर इसका पालन किया जाएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बता सकता है, लेकिन एक चीज साफ है की शिवसेना ठाकरे गुट ने बीएमसी चुनाव के लिए अपनी कमर कसली है.
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