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This Article is From Apr 17, 2016

सूखे से शिरडी सांई बाबा के दर्शन पर भी असर पड़ रहा है, भक्तों की तादाद घटी

सूखे से शिरडी सांई बाबा के दर्शन पर भी असर पड़ रहा है, भक्तों की तादाद घटी
महाराष्ट्र में पड़ रहे सूखे से शिरडी के साईं बाबा का दरबार और तिजोरी भी इस साल अछूती नहीं रह पाई है। रामनवमी के मौके पर न सिर्फ साईं बाबा के चढ़ावे में कमी आई है बल्कि पालकी लेकर शिरडी आने वाले भक्तों की तादाद भी घटी है। फक़ीर रहे, शिरडी साईं बाबा के दर्शन करने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं, उनकी जमा पूंजी चिमटी-चिलम और 2-3 टिन के मग थे, लेकिन उनके भक्त उन्हें सोने-चांदी में बिठाकर रखते हैं। बताया जाता है कि ताउम्र साईं बाबा अल्लाह-मालिक कहते रहे, लेकिन उनके भक्तों में बड़ी तादाद हिन्दुओं की है जो उनके दरबार में धूमधाम से रामनवमी मनाते हैं।

इस रामनवमी भी शिरडी में 3 लाख से ज्यादा भक्त जुटे लेकिन उनकी तिजोरी में आए 2 करोड़ 83 लाख रूपये, जबकि पिछले साल उनके दरबार में 2 करोड़ 88 लाख का चढ़ावा आया था। शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट के अकाउंट अफसर दिलीप झिरपे ने बताया कि इस बार 7 लाख 33 हज़ार का ऑनलाइन डोनशन आया है, जबकि भक्तों ने 10 लाख का सोना और 2 लाख की चांदी चढ़ाई है। दान पेटी में 1 करोड़ 83 लाख रूपये आए हैं, जबकि काउंटर पर भक्तों ने 74 लाख का चढ़ावा चढ़ाया है। वैसे चढ़ावे में 5 लाख की ही कमी आई लेकिन साल दर साल होती बढ़त से यह कमी खबरों में आ गई।

शिरडी में अलग अलग राज्यों से पिछले साल 140 से ज्यादा पालकियां आईं थीं, लेकिन इस बार पहुंची महज़ 45 के करीब। हालांकि सूखे से प्रभावित कई किसान साईं बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं लेकिन इस बार पानी की आस के साथ।

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