सीएम देवेंद्र फडणवीस के दफ्तर द्वारा मुंबई के किसानों को कर्ज माफी का हकदार बताया गया है.
- कर्जमाफी के लायक खेतिहर किसान की खोज शुरू
- सूची में मुंबई और मुंबई उपनगर जिले के किसान
- एनसीपी ने मामले के जांच की मांग उठाई
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मुंबई:
अपने दफ्तर के ही एक ट्वीट ने देवेंद्र फडणवीस की परेशानियां बढ़ा दी हैं. ट्वीट खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से हुआ है और उसमें मुंबई और मुंबई उपनगर के 813 किसानों को कर्ज़माफ़ी का हकदार बताया है. इससे जाहिर तौर पर सवाल उठा है की आखिर मुंबई में खेतिहर किसान कहां पाए जाते हैं? इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को निशाना बनाया है.
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मालिक ने मामले के जांच की मांग की है. मलिक ने मीडिया से मुंबई स्थित पार्टी दफ्तर में कहा कि इस मांग से साफ हो जाएगा कि क्या सचमुच कर्ज़माफ़ी का बेजा इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.
वैसे इस विवाद के उभरते ही, मुंबई की पौने दो करोड़ की आबादी में कर्ज़माफ़ी के लायक खेतिहर किसान की खोज सरकारी फाइलों में तेज़ हुई है. सरकार की तरफ से आनन-फानन में किए गए खुलासे में कहा गया है कि "हालिया सूची राज्यभर के उन संभावित किसानों की है जिन्हें कर्ज़माफ़ी का लाभ मिल सकता है. इसमें मुंबई और मुंबई उपनगर जिले के किसान दिखाए गए हैं. संभावना है कि उन्होंने मुंबई ज़िला बैंक से कृषक कर्ज़ लिया होगा. वैसे भी अगर वे कर्ज़माफ़ी की शर्तों को पूरा नहीं करेंगे तो उन्हें कर्ज़माफ़ी नहीं दी जाएगी. क्योंकि अभी घोषित सूची की जांच होना तय है."
सरकारी 34 हजार करोड़ रुपये की कर्ज़माफी का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनका जीवन यापन केवल खेती पर निर्भर है. ऐसे में सरकार का कयास है कि जांच के बाद मुंबई में रहकर पैतृक इलाके की खेती पर कर्ज़ उठाने वाले अपने आप ही कर्ज़माफ़ी के दायरे से बाहर हो जाएंगे.
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मालिक ने मामले के जांच की मांग की है. मलिक ने मीडिया से मुंबई स्थित पार्टी दफ्तर में कहा कि इस मांग से साफ हो जाएगा कि क्या सचमुच कर्ज़माफ़ी का बेजा इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.
CM @Dev_Fadnavis tells district wise number of beneficiary farmers of loan waiver (loan upto ₹1.5lakh) pic.twitter.com/Egt6GUJ21d
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) July 3, 2017
वैसे इस विवाद के उभरते ही, मुंबई की पौने दो करोड़ की आबादी में कर्ज़माफ़ी के लायक खेतिहर किसान की खोज सरकारी फाइलों में तेज़ हुई है. सरकार की तरफ से आनन-फानन में किए गए खुलासे में कहा गया है कि "हालिया सूची राज्यभर के उन संभावित किसानों की है जिन्हें कर्ज़माफ़ी का लाभ मिल सकता है. इसमें मुंबई और मुंबई उपनगर जिले के किसान दिखाए गए हैं. संभावना है कि उन्होंने मुंबई ज़िला बैंक से कृषक कर्ज़ लिया होगा. वैसे भी अगर वे कर्ज़माफ़ी की शर्तों को पूरा नहीं करेंगे तो उन्हें कर्ज़माफ़ी नहीं दी जाएगी. क्योंकि अभी घोषित सूची की जांच होना तय है."
सरकारी 34 हजार करोड़ रुपये की कर्ज़माफी का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनका जीवन यापन केवल खेती पर निर्भर है. ऐसे में सरकार का कयास है कि जांच के बाद मुंबई में रहकर पैतृक इलाके की खेती पर कर्ज़ उठाने वाले अपने आप ही कर्ज़माफ़ी के दायरे से बाहर हो जाएंगे.
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