भिवंडी के नगरसेवक मनोज म्हात्रे की हत्या में उनके चचेरे भाई प्रशांत म्हात्रे का हाथ बताया जा रहा है.
मुंबई:
मुंबई के पास भिवंडी में कांग्रेसी नगरसेवक मनोज म्हात्रे की हत्या में चहेरे भाई का नाम शक के घेरे में आ गया है. जांच कर रही पुलिस ने चचेरा भाई प्रशांत म्हात्रे सहित सात लोगों को मामले में आरोपी बनाया है. सभी आरोपी भाई फरार हैं.
पुलिस के मुताबिक प्रशांत पर पहले से 10 के करीब आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2013 में भी उसने मनोज पर जानलेवा हमला किया था. मामले में उसे एक महीना जेल भी काटनी पड़ी थी. बताते हैं कि हत्या वाले दिन भी प्रशांत ने मनोज के एक करीबी को धमकाया था. इसकी शिकायत करके वे अपने घर लौट ही रहे थे कि उनकी सरेआम हत्या कर दी गई. हत्यारों ने पहले गोली मारी फिर तेज धारदार हथियार से हमला किया था. सीसीटीवी की तस्वीरों और मृतक के ड्राइवर के बयान के आधार पर पुलिस ने प्रशांत म्हात्रे सहित सात लोगों को आरोपी बनाया है.
पुलिस अधिकृत तौर पर अब भी इसे पारिवारिक रंजिश का ही नतीजा बता रही है. लेकिन इलाके के लोगों खासकर कांग्रेस के नेता की मानें तो ये राजनीतिक रंजिश का नतीजा है. प्रशांत बीजेपी में है जबकि मनोज कांग्रेस पार्टी में थे और इलाके से लगातार नगरसेवक चुनकर आ रहे थे. स्थानीय कांग्रेस नेता शोएब गुड्डू का आरोप है कि प्रशांत वहां से चुनाव लड़ना चाहता है लेकिन मनोज के रहते वह जीत नहीं सकता. इसलिए उसने उन्हें रास्ते से ही हटा दिया. 
मामले की जांच कर रही नारपोली पुलिस और थाना क्राइम ब्रांच की टीम भी आरोपियों को पकड़ने में जुटी है. तीन आरोपियों को हिरासत में लेने की खबर भी है, लेकिन पुलिस पुष्टि करने से बच रही है. पुलिस की पहली प्राथमिकता प्रशांत म्हात्रे है जो उसे मिल नहीं रहा. बताया जा रहा है कि वो राज्य की सीमा से बाहर भाग चुका है.
पुलिस के मुताबिक प्रशांत पर पहले से 10 के करीब आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2013 में भी उसने मनोज पर जानलेवा हमला किया था. मामले में उसे एक महीना जेल भी काटनी पड़ी थी. बताते हैं कि हत्या वाले दिन भी प्रशांत ने मनोज के एक करीबी को धमकाया था. इसकी शिकायत करके वे अपने घर लौट ही रहे थे कि उनकी सरेआम हत्या कर दी गई. हत्यारों ने पहले गोली मारी फिर तेज धारदार हथियार से हमला किया था. सीसीटीवी की तस्वीरों और मृतक के ड्राइवर के बयान के आधार पर पुलिस ने प्रशांत म्हात्रे सहित सात लोगों को आरोपी बनाया है.
पुलिस अधिकृत तौर पर अब भी इसे पारिवारिक रंजिश का ही नतीजा बता रही है. लेकिन इलाके के लोगों खासकर कांग्रेस के नेता की मानें तो ये राजनीतिक रंजिश का नतीजा है. प्रशांत बीजेपी में है जबकि मनोज कांग्रेस पार्टी में थे और इलाके से लगातार नगरसेवक चुनकर आ रहे थे. स्थानीय कांग्रेस नेता शोएब गुड्डू का आरोप है कि प्रशांत वहां से चुनाव लड़ना चाहता है लेकिन मनोज के रहते वह जीत नहीं सकता. इसलिए उसने उन्हें रास्ते से ही हटा दिया.

मामले की जांच कर रही नारपोली पुलिस और थाना क्राइम ब्रांच की टीम भी आरोपियों को पकड़ने में जुटी है. तीन आरोपियों को हिरासत में लेने की खबर भी है, लेकिन पुलिस पुष्टि करने से बच रही है. पुलिस की पहली प्राथमिकता प्रशांत म्हात्रे है जो उसे मिल नहीं रहा. बताया जा रहा है कि वो राज्य की सीमा से बाहर भाग चुका है.
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