गोपाल शेट्टी
मुंबई:
23 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट को लिखी अर्जी में गोपाल शेट्टे ने आरोप लगाया है कि उस पर लगे झूठे आरोप और 7 साल की कैद के चलते उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है। पिता चल बसे, मां मानसिक संतुलन खो चुकी हैं, पत्नी उसे छोड़ कर जा चुकी है और दोनों बेटियां अनाथ आश्रम में रहने को मजबूर हैं।
गोपाल का आरोप है कि हाई कोर्ट द्वारा दोष मुक्त होने के बाद भी उसे कोई भरपाई या मदद नहीं मिली है। अगर लोकतान्त्रिक देश अपने नागरिक को न्याय नहीं दिला सकता तो फिर जीने का क्या अर्थ?
गोपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति को भी अर्जी दी है।
गोपाल का आरोप है कि हाई कोर्ट द्वारा दोष मुक्त होने के बाद भी उसे कोई भरपाई या मदद नहीं मिली है। अगर लोकतान्त्रिक देश अपने नागरिक को न्याय नहीं दिला सकता तो फिर जीने का क्या अर्थ?
गोपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति को भी अर्जी दी है।
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