
Maharashtra: राजधानी मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में 10 दिनों तक चलने वाला गणपति उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन लगातार दूसरे साल मूर्तिकारों-विक्रेताओं का कारोबार ठंडा है. हालांकि बीते साल की तुलना स्थिति कुछ बेहतर है पर कारोबार 80% मंदा है. बीते साल की तरह सरकार ने इस साल भी गणेशोत्सव को लेकर सख़्त गाइडलाइन रखे हैं. ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा इस बार आकर्षण का केंद्र है. यह 'बप्पा' विसर्जन के बाद, पौधे का रूप लेंगे. मूर्ति में सूर्यमुखी के बीज का इस्तेमाल हुआ है. न्यूज़ पेपर, टिशु पेपर..ऐसे कई अलग-अलग प्रकार की गणपति मुंबई (Mumbai), महाराष्ट्र में कई जगह तैयार हैं पर दुकानों पर गिनेचुने ही ग्राहक हैं. हालात बीते साल से बेहतर हैं, लेकिन कोविड से पहले की तुलना में 80% ग्राहक कम हैं. प्रतिमा बनाने और बेचने वाले मूर्तिकारों-कलाकारों का कारोबार लगातार दूसरे साल प्रभावित हुआ है.
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मुंबर्ई के मूर्ति विक्रेता प्रमोद बताते हैं, पहले जहां ढाई सौ ग्राहक आकार मूर्ति लेकर जाते थे लेकिन अगस्त के पहले हफ़्ते में अभी सिर्फ़ 40 के क़रीब ही आए हैं. खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है. एक अन्य मूर्ति विक्रेता रामेश्वर ने बताया, '
दो साल से लॉस में हैं. बहुत कम धंधा है. बारिश की वजह से माल भी कम आया है. हर साल 700-800 मूर्ति बेचते थे, अभी दुकान पर सिर्फ साढ़े तीन सौ के क़रीब ही मूर्ति रखी है, इनमें से भी 24 के क़रीब ही बिकी है. कारोबार बहुत ठंडा है.' मूर्ति विक्रेता तुषार तलारी ने बताया, 'पिछले साल की तुलना में थोड़ा बेहतर है लेकिन, धंधा अब भी पहले की तरह नहीं है. लोग निराश भी हैं कि कहां 10-12 फ़ीट की मूर्ति की इजाज़त होती थी वहीं अब सिर्फ़ 4 फ़ीट की इजाज़त है. सरकारी गाइडलाइन का पालन करेंगे, उम्मीद है अगले साल स्थिति बेहतर हो.'
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गौरतलब है कि 10 सितम्बर से 10 दिनों के गणपति उत्सव की शुरुआत हो रही है. राज्य सरकार की ओर से जून महीने में जारी हुईं गाइडलाइंस के मुताबिक़ सार्वजनिक गणेश मंडलों के लिए गणेश मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट तक हो सकती है. पूजा, आरती, लाइव दर्शन के लिए ऑनलाइन सुविधा हो, पंडाल पर भीड़ इकट्ठा न हो और घरों में विराजमान होने वाले गणपति मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट रखी जाए. इसके साथ ही निर्देशों में यह भी कहा गया है कि मूर्ति की स्थापना और विसर्जन के दौरान भीड़ न जुटे, कोविड नियमों का सख़्ती से पालन हो.बीते वर्ष की तरह इस साल भी कोरोना को देखते हुए सरकार ने त्योहार को सादे तरीके से मनाने और ऑनलाइन दर्शन करने की अपील की है.
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