राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                ठाणे: 
                                        महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के 'नोटिस पर' होने के शिवसेना के ऐलान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इसलिए सरकार से अलग नहीं हो रही है, क्योंकि वह सत्ता का सुख भोग रही है.
केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा का साथ देने वाली शिवसेना बीएमसी समेत राज्य की 21 नगरपालिका के चुनाव अपने दम पर लड़ रही है और भाजपा के साथ उसने गठजोड़ नहीं किया.
21 फरवरी को होने वाले ठाणे नगर निगम चुनावों के लिए राकांपा उम्मीदवार के पक्ष में एक सभा को संबोधित करने पहुंचे पवार ने कहा, 'शिवसेना भाजपा की आलोचना करती है, लेकिन वो सरकार से बाहर नहीं आना चाहती क्योंकि वो सत्ता की गर्मी चाहती थी.' उनकी टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब राकांपा, भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ा रही है और शिवसेना अगर देवेंद्र फडणवीस सरकार से अलग होती है तो उसे पवार की पार्टी का सियासी समर्थन मिल सकता है.
महाराष्ट्र में वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा जब सबसे बड़े दल के तौर पर उभर रही थी तब भी राकांपा ने उसे बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया था. शिवसेना नेतृत्व इस कदम से काफी चिढ़ा था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा का साथ देने वाली शिवसेना बीएमसी समेत राज्य की 21 नगरपालिका के चुनाव अपने दम पर लड़ रही है और भाजपा के साथ उसने गठजोड़ नहीं किया.
21 फरवरी को होने वाले ठाणे नगर निगम चुनावों के लिए राकांपा उम्मीदवार के पक्ष में एक सभा को संबोधित करने पहुंचे पवार ने कहा, 'शिवसेना भाजपा की आलोचना करती है, लेकिन वो सरकार से बाहर नहीं आना चाहती क्योंकि वो सत्ता की गर्मी चाहती थी.' उनकी टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब राकांपा, भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ा रही है और शिवसेना अगर देवेंद्र फडणवीस सरकार से अलग होती है तो उसे पवार की पार्टी का सियासी समर्थन मिल सकता है.
महाराष्ट्र में वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा जब सबसे बड़े दल के तौर पर उभर रही थी तब भी राकांपा ने उसे बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया था. शिवसेना नेतृत्व इस कदम से काफी चिढ़ा था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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