मुंबई:
महाराष्ट्र सरकार अगले महीने होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सार्वजनिक जगहों में कहीं भी थूकने पर रोक लगाने संबंधी एक विधेयक पेश करेगी। यह तेजी से फैल रहे तपेदिक जैसे संक्रामक रोग पर काबू पाने के लिए उठाया जाने वाला कदम है। पिछले साल ‘विश्व कैंसर दिवस’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू खाने पर प्रतिबंध संबंधी एक प्रस्तावित कानून लाने का विचार पेश किया था। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक जगहों पर थूकने की मनाही संबंधी कानून लाने की बात भी कही थी।
थूकने पर जुर्माना
प्रस्तावित कानून के मुताबिक, पहली बार थूकने पर दोषियों को 1,000 रूपये का जुर्माना अदा करना होगा और सार्वजनिक स्थान या सरकारी कार्यालयों में एक दिन के लिए सामुदायिक सेवा करनी होगी। दूसरी बार ऐसा करते हुए पाए जाने पर दोषी पर 3,000 रूपये का जुर्माना लगाने और तीन दिनों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान है और बार बार ऐसा करते पाए जाने पर 5,000 रूपये के जुर्माने और पांच दिनों की सामुदायिक सेवा का प्रावधान है।
सावंत ने कहा, ‘‘मामूली जुर्माना लगा देना ही काफी नहीं है और इसलिए सरकार ने सामुदायिक सेवा को जरूरी करने का फैसला किया है। दोषी को एक झाड़ू दी जाएगी और उसे सार्वजनिक जगहों या सरकारी कार्यालयों की सफाई करके सामुदायिक सेवा करने के लिए कहा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इसका मकसद दोषी को सफाई की अहमियत समझाना और ऐसी प्रवृत्ति को बार बार दोहराए जाने पर रोक लगाना है। इस विधेयक को नौ मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। बहरहाल, सचिव, कानून एवं न्यायिक विभाग एन जे जमादार ने बताया कि निश्चित रूप से वह मंत्री की ओर से भेजे गए विभागीय नोट पर गौर करेंगे।
थूकने पर जुर्माना
प्रस्तावित कानून के मुताबिक, पहली बार थूकने पर दोषियों को 1,000 रूपये का जुर्माना अदा करना होगा और सार्वजनिक स्थान या सरकारी कार्यालयों में एक दिन के लिए सामुदायिक सेवा करनी होगी। दूसरी बार ऐसा करते हुए पाए जाने पर दोषी पर 3,000 रूपये का जुर्माना लगाने और तीन दिनों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान है और बार बार ऐसा करते पाए जाने पर 5,000 रूपये के जुर्माने और पांच दिनों की सामुदायिक सेवा का प्रावधान है।
सावंत ने कहा, ‘‘मामूली जुर्माना लगा देना ही काफी नहीं है और इसलिए सरकार ने सामुदायिक सेवा को जरूरी करने का फैसला किया है। दोषी को एक झाड़ू दी जाएगी और उसे सार्वजनिक जगहों या सरकारी कार्यालयों की सफाई करके सामुदायिक सेवा करने के लिए कहा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इसका मकसद दोषी को सफाई की अहमियत समझाना और ऐसी प्रवृत्ति को बार बार दोहराए जाने पर रोक लगाना है। इस विधेयक को नौ मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। बहरहाल, सचिव, कानून एवं न्यायिक विभाग एन जे जमादार ने बताया कि निश्चित रूप से वह मंत्री की ओर से भेजे गए विभागीय नोट पर गौर करेंगे।
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