देश के बहुचर्चित व्यापमं मामले (Vyapam Scam) के पुलिस आरक्षक घोटाला (Police Recruitment Scam) में सीबीआई की विशेष अदालत ने सज़ा का ऐलान कर दिया है. 31 में 30 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई. जबकि मामले में मिडिलमैन प्रदीप त्यागी को 10 साल की सजा सुनाई गई. इस मामले की सुनवाई 2014 से चल रही थी. सीबीआई के स्पेशल जज एसबी साहू ने 21 नवंबर को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. मामले की जांच के वक्त आरोपियों पर परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोल लगा था. आरोप था कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से ली इस परीक्षा में परीक्षार्थी के जगह पर सॉल्वर और बिचौलियों ने बड़ी रकम लेकर गड़बड़ की थी.
व्यापमं घोटाला : एक के बाद एक मौत के पीछे साजिश?
एसटीएफ को सूचना मिली थी आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षार्थी की जगह कोई और परीक्षा दे रहा है. इस सूचना पर एसटीएफ की अलग-अलग टीमों ने भोपाल और दतिया के परीक्षा केंद्रों से छह-छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये सभी दूसरे आवेदक के नाम पर परीक्षा दे रहे थे. इनकी निशानदेही पर 12 आवेदकों को भी गिरफ़्तार किया गया था. ये पहला मौका है जब सीबीआई कोर्ट ने एक साथ 31 लोगों को सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 120बी, 420, 467, 468 और 471 धाराओं में यह सजा सुनाई है.
कितना व्यापक है व्यापमं घोटाला?
व्यापमं घोटाले में इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में दर्ज मामले के बाद जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. व्यापमं मामले में एसटीएफ की यह पहली एफआईआर थी. कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले की 2013 परीक्षा घोटाले के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में गवाही 2014 में शुरू हुई थी. गवाही पांच साल चली, 2017 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई थी.
VIDEO: मध्यप्रदेश में व्यापम का चुनावी कनेक्शन!
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