कांग्रेसियों ने शनिवार को इंदौर में लोगों को कैलाश छाप माचिस बांटी. इस अनूठे प्रदर्शन प्रदर्शन के पीछे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर के अधिकारियों को शहर में आग लगाने की धमकी देने वाला बयान था. कैलाश विजयवर्गीय द्वारा शनिवार को दिए गए बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में भी लपट नजर आने लगी है और कांग्रेस हमलावर है. इस बीच इंदौर में कांग्रेस ने एक माचिस लांच की, जिसे कैलाश छाप माचिस नाम दिया है. इस पर बाकायदा कैलाश विजयवर्गीय की फोटो भी छपी है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के गड़े मुर्दे उखाड़ते हुए कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम कर्मचारियों के साथ मारपीट और कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिए गए पुराने बयानों को याद दिलाया. कहा कि इंदौर किसी और का नहीं बल्कि यहां के रहवासियों का है.
बता दें कि इंदौर में अतिक्रमण और भू-माफियाओं के ख़िलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है. दूसरी तरफ, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने नगर निगम और प्रशासन पर नियम विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया है. इसी क्रम में भू-माफियाओं के ख़िलाफ जारी अभियान के बारे में चर्चा करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को बुलाया था. विजयवर्गीय ने अधिकारियों को यह संदेश भिजवाया था कि वे सभी रेसीडेंसी कोठी पर पहुंचें. लेकिन विजयवर्गीय के संदेश के बावजूद डीआईजी, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त आदि अधिकारी रेसीडेंसी कोठी नहीं पहुंचे. इसके बाद वह बिफर पड़े और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ रेसीडेंसी कोठी के बाहर ही धरने पर बैठ गए.
उन्होंने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि मेरा कमर के नीचे वार न करने का संकल्प टूट भी सकता है. इस बीच विजयवर्गीय का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे एक अधिकारी को धमकाते दिख रहे हैं. विजयवर्गीय कह रहे हैं, ''हमने चिट्ठी लिखी कि हम मिलना चाहते हैं...ये भी सूचना नहीं दोगे कि हम शहर से बाहर हैं...ये हम बर्दाश्त नहीं करेंगे...हमारे संघ के पदाधिकारी यहां हैं, नहीं तो आग लगा देता इंदौर में.'' विजयवर्गीय के इस बयान पर सियासी घमासान भी मच गया है.
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