बजरंग दल के पूर्व नेता बलराम सिंह और तीन अन्य को सतना जिले में बुधवार को रात में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें टेरर फंडिंग और खुफिया जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में पकड़ा गया है. इन आरोपियों को 26 अगस्त तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया है. बलराम और बीजेपी कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना को फरवरी 2017 में मध्यप्रदेश एटीएस ने गिरफ्तार किया था. उन्हें पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में पकड़ा गया था. इस मामले में कुल 15 लोग गिरफ्तार किए गए थे जिनमें से ध्रुव और बलराम सहित 13 आरोपियों को पिछले साल हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
सतना जिले में टेरर फंडिंग और खुफिया जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में पकड़े गए चार लोगों के मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को भोपाल में कहा, "इस पूरे मामले की जांच की जाए. इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाए. इस तरह की गतिविधि में जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए. प्रदेश की धरती पर टेरर फंडिग व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी का कृत्य बर्दाश्त नहीं. इस कांड से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो, या कितना भी बड़ा शख्स हो."
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कमलनाथ ने लगभग डेढ़ साल के भीतर दूसरी बार राज्य में पाकिस्तान को सूचनाएं पहुंचाने वाले गिरोह के भंडाफोड़ होने की घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा, "क्या कारण है कि जब आठ फरवरी, 2017 को पहली बार इस मामले का खुलासा हुआ था और कुछ लोग इस कांड में पकड़े गए थे, तो उन पर उस समय कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? कैसे वे वापस बाहर आकर देश विरोधी गतिविधियों को फिर अंजाम देने लगे? इसकी भी जांच हो. इसमें किसी की लापरवाही सामने आए तो उस पर भी कार्रवाई हो."
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(इनपुट भाषा से भी)
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