अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनने बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े की भूमिका और प्रतिनिधित्व तय करने के लिए अखाड़े जुड़े साधु संतों की बैठक होने जा रही है. ये बैठक 20 जनवरी, सोमवार को ग्वालियर के लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सिद्धपीठ श्रीगंगादासजी की शाला में आयोजित की जाएगी. अध्यक्षता शाला के महंत पूरन बैराठी पीठाधीश्वर रामसेवकदास महाराज करेंगे. मालूम हो अखाड़े ने बीते साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर ट्रस्ट में उसके प्रतिनिधित्व को परिभाषित करने की मांग की थी.
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निर्मोही अखाड़े ने 11 दिसंबर को लगाई गई याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने नौ नवंबर के फैसले में केंद्र को राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में अखाड़े को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने का निर्देश दिया था. निर्णय के बाद एक महीने से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अब तक इसकी भूमिका और प्रतिनिधित्व को परिभाषित नहीं किया गया है. अखाड़ा इस संबंध में स्पष्टीकरण चाहता है. इतना ही नहीं याचिका में विवादित अधिगृहीत 2.77 एकड़ जमीन के बाहर अखाड़े के स्वामित्व वाले कई मंदिरों को वापस करने की मांग भी की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में दिए निर्णय में सरकार से तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के लिए कहा था लेकिन अब तक इसमें दावेदारों को लेकर ही विवाद नहीं सुलझा है. हिन्दू धार्मिक संगठनों में इस बात को लेकर होड़ लग गई है कि नए प्रस्तावित ट्रस्ट में किसको शामिल किया जाए, किसे अहम भूमिका सौंपी जाए और मंदिर निर्माण की ज़िम्मेदारी किसकों सौंपी जाए. हालांकि राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी पर राम जन्मभूमि न्यास ने दावा ठोका है.
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उधर बीते रविवार (12 जनवरी) को जबलपुर गैरिसन ग्राउंड पर आम सभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर कहा था कि अगले चार महीनों में अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा.
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