कांग्रेस के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ.
भोपाल:
राहुल गांधी के मंदसौर आने से पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस में अचानक ही बगावत के सुर बुलंद हो गए हैं. पहले राहुल की करीबी पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के समर्थकों ने इस्तीफा दिया तो अब खरगौन जिले से 1200 कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली जाकर हाईकमान को इस्तीफा सौंपने का ऐलान कर चुके हैं. खरगौन में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का घर है.
कांग्रेस में यह नाराज़गी तब उभर रही है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह 31 मई से अपनी समन्वय यात्रा ओरछा राम राजा के दरबार से शुरू करने वाले हैं. यात्रा शुरू करने से पहले दिग्विजय ने कहा कि "हमारा मूल उद्देश्य है जिला स्तर पर जो कार्यकर्ता हैं, नेता हैं, अगर कोई मनमुटाव है तो उसे दूर करें."
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 13 लोगों की टीम को लेकर राज्य के रूठे कांग्रेसियों को मनाएंगे. उनकी टीम में शामिल एक नाम है राजेन्द्र सिंह गौतम. गौतम मीनाक्षी के राजनीतिक प्रतिद्वंदी माने जाते हैं और उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. कमेटी में उनके चयन से नाराज होकर मंदसौर से 150 कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें सुवासरा के विधायक हरदीप सिंह डंग भी शामिल हैं. डंग ने कहा
"मेरा इस्तीफा इसलिए नहीं कि कोई दबाव बना रहा हूं, मेरी सिर्फ ये मांग है कि जो निर्णय लिए जाते हैं उसमें सबकी भागीदारी हो."
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सूत्र बताते हैं कि चुनाव से पहले राज्य में जिन पांच कमेटियों का गठन हुआ है, उसमें अपनी उपेक्षा से नटराजन नाराज हैं. खबर ये भी है कि मेनिफेस्टो कमेटी के उपाध्यक्ष पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन मीनाक्षी कह रही हैं कि उन्हें जो कहना है पार्टी फोरम पर कहेंगी. उन्होंने कहा "पार्टी के अंदरूनी मामलों पर मैं सार्वजनिक टिप्पणी उचित नहीं समझती हूं. हम लोगों में कोई बात भी होगी तो हम राहुल जी के नेतृत्व में काम करने वाले लोग हैं, राहुल जी यहां किसानों की सुध लेने आ रहे हैं."
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राहुल गांधी छह जून को पिपलिया मंडी में मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर किसानों की सभा में शिरकत करेंगे. प्रशासन ने छह शर्तों के साथ उन्हें सभा की इजाजत दी है. कमलनाथ का दावा है कि उनके दौरे से पहले कांग्रेस में नाराज़गी को दूर कर लिया जाएगा. कमलनाथ ने कहा कि "मैंने मीनाक्षी से बात की है. वे हमारी सम्मानित नेता हैं. सबकी बात सुनकर उपाय निकाला जाएगा. ये छिटपुट बातें हैं, एक समिति में किसी का नाम ये होता रहता है.''
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कांग्रेस में मचे इस घमासान से बीजेपी को चुटकी लेने का मौका मिल गया है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा "जिस तरह से कमेटी बनने के बाद इस्तीफों का दौर चालू हुआ है, मंदसौर की वरिष्ठ नेता कमलनाथ के सामने आई हैं, राहुल गांधी जिस तरह नौटंकी करने नीमच मंदसौर आए थे, इस बार किसानों की बरसी पर आ रहे हैं. अगली बार कांग्रेस के हारने की बरसी पर आएंगे."
VIDEO : बीजेपी ने बनाई रणनीति
पांच कमेटियों के अलावा 20 जिलों के अध्यक्ष भी बदले गए हैं. ऐसे में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के गृह जिले खरगौन से भी 1200 कांग्रेसी अपने इस्तीफे दिल्ली को सौंपने जा रहे हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्रेस में यह नाराज़गी तब उभर रही है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह 31 मई से अपनी समन्वय यात्रा ओरछा राम राजा के दरबार से शुरू करने वाले हैं. यात्रा शुरू करने से पहले दिग्विजय ने कहा कि "हमारा मूल उद्देश्य है जिला स्तर पर जो कार्यकर्ता हैं, नेता हैं, अगर कोई मनमुटाव है तो उसे दूर करें."
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 13 लोगों की टीम को लेकर राज्य के रूठे कांग्रेसियों को मनाएंगे. उनकी टीम में शामिल एक नाम है राजेन्द्र सिंह गौतम. गौतम मीनाक्षी के राजनीतिक प्रतिद्वंदी माने जाते हैं और उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. कमेटी में उनके चयन से नाराज होकर मंदसौर से 150 कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें सुवासरा के विधायक हरदीप सिंह डंग भी शामिल हैं. डंग ने कहा
"मेरा इस्तीफा इसलिए नहीं कि कोई दबाव बना रहा हूं, मेरी सिर्फ ये मांग है कि जो निर्णय लिए जाते हैं उसमें सबकी भागीदारी हो."
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सूत्र बताते हैं कि चुनाव से पहले राज्य में जिन पांच कमेटियों का गठन हुआ है, उसमें अपनी उपेक्षा से नटराजन नाराज हैं. खबर ये भी है कि मेनिफेस्टो कमेटी के उपाध्यक्ष पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन मीनाक्षी कह रही हैं कि उन्हें जो कहना है पार्टी फोरम पर कहेंगी. उन्होंने कहा "पार्टी के अंदरूनी मामलों पर मैं सार्वजनिक टिप्पणी उचित नहीं समझती हूं. हम लोगों में कोई बात भी होगी तो हम राहुल जी के नेतृत्व में काम करने वाले लोग हैं, राहुल जी यहां किसानों की सुध लेने आ रहे हैं."
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पांच कमेटियों के अलावा 20 जिलों के अध्यक्ष भी बदले गए हैं. ऐसे में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के गृह जिले खरगौन से भी 1200 कांग्रेसी अपने इस्तीफे दिल्ली को सौंपने जा रहे हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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