मध्यप्रदेश में देवास से 15 किलोमीटर दूर राबढ़िया गांव में स्थित गौशाला में एक दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि गौशाला का संचालन बीजेपी के नेता वरूण अग्रवाल कर रहे थे. मामले में कार्रवाई करते हुए देवास जिले की पुलिस ने वरुण अग्रवाल और उनके सहयोगियों सतीश और महेश के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. यह घटना टोंक खुर्द पुलिस थाने के अंतर्गत राबढ़िया गांव की है. देवास के नूतन नगर में रहने वाले अम्बाराम की दो गायें पिछले 3-4 दिनों से लापता हो गई थीं, उन्हें जानकारी लगी कि नगर निगम का अमला गायों को पकड़ कर ले गया है. तब अम्बाराम अपनी गायों को ढूंढते हुए राबड़िया स्थित उस गोशाला में पहुंचा, जहां नगर निगम द्वारा शहर से पकड़ी जाने वाली गायों को भेजा जाता है.
वहीं, राज्य सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
चूंकि नगर निगम अपने दम पर गौशाला नहीं चलाता है, इसलिए यह पंजीकृत गौशालाओं में आश्रय और देखभाल के लिए गायों को भेजता है. अम्बा राम ने पाया कि उनकी 5-6 गायें गौशाला में थीं, लेकिन उन्होंने देखा कि कुछ अन्य गायें भी गौशाला के गेट के पास एक दलदल में फंसी हुई या मरी पड़ी हैं. उन्होंने अन्य गायों के शवों को भी देखा जो गौशाला के करीब एक पहाड़ी पर थीं. मामले की जानकारी देवास नगर निगम के आला अधिकारियों को दी गई. जिसके बाद बुधवार को एक टीम मौके पर पहुंची और मामले का जायजा लिया. टीम को गौशाला गेट के ठीक बाहर दलदल में मृत गायें मिलीं.
मामले में देवास के एएसपी-जगदीश डावर ने कहा, 'इस मामले में जांच के लिये हमने सीएसपी अनिल सिंह राठौर और दो पुलिस थाना प्रभारियों के नेतृत्व में एक टीम को गौशाला भेजा था. टीम ने पाया कि गौशाला में क्षमता से ज्यादा गायों को रखा गया था. साथ ही दलदल में फंसी कुछ गायों को बचा लिया गया था, लेकिन उनमें से एक गाय पहले ही मर चुकी थी. इसके बाद, गौशाला संचालक वरुण अग्रवाल सहित तीन लोगों के खिलाफ क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है. गौशाला संचालक वरुण अग्रवाल को 15 अगस्त को देवास में स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया. फिलहाल इस मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के निर्देश दे दिये हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा यह भाजपा नेताओं की हकीकत है. एक तरफ तो खुद को सच्चा गौ भक्त बताते हैं, इनकी सरकार ने गौमाता के संवर्धन व संरक्षण के लिए पिछले 15 वर्ष में कुछ नहीं किया, वहीं दूसरी ओर इनके नेताओ द्वारा संचालित गौशालाओं में गौ माताओं के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी जाने जा रही हैं. पहले भी मध्य प्रदेश के आगर जिले में स्थित गो अभ्यारण में नक़ली भूसे के कारण 400 से अधिक गौमाता की मौत की खबर भाजपा सरकार में सामने आई थी। भाजपा को इस मामले में जवाब देना चाहिए. (देवास से अरविंद चौकसे के इनपुट के साथ)
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